ललित ठाकुर। पधर
एक तरफ कोरोना ने लोगों में दहशत बनाई है वहीँ दूसरी तरफ डिपुओं में मिलने वाले राशन में अभी भी बायोमीट्रिक मशीन प्रणाली से लोगों को राशन मिल रहा है।
डिपुओं में राशन वितरण करने वाले सेल्जमैन भी इस प्रणाली से दुखी हैं क्योंकि बार-बार सर्वर डाउन होने से भी उपभोक्ताओं को कई चक्कर डिपुओं में लगाने पड़ रहे हैं।
उपभोक्ताओं में ज्योति प्रकाश, अनिल अरोड़ा, ललित कुमार, संजय कुमार, कमल किशोर, जितेंद्र कुमार, कीकर सिंह, इंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि एक तरफ सरकार और प्रशासन लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की दुहाई देते नहीं थकते वहीँ दूसरी तरफ डिपुओं में मिलने वाले राशन में बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही लोगों राशन मिल रहा है जिसका उपभोक्ताओं ने रोष जताया है। लोगों का कहना है कि कोई एक उपभोक्ता कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके चक्कर में कई लोग संक्रमित हो सकते हैं।
लोगों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जब तक कोरोना का संक्रमण है तब तक बिना बायोमीट्रिक मशीन से लोगों को राशन दिया जाए। लोगों का कहना है कि कभी डिपुओं में दालें नहीं मिलती तो कभी तेल, जिस कारण लोगों को कई चक्कर डिपुओं के लगाने पड़ रहे हैं। डिपुओं में सेल्जमैन बायोमीट्रिक मशीन और राशन लेने आने वाले व्यक्तियों को सेनिटाइज कर रहे हैं, जिसका खर्चा सेल्जमैन खुद उठा रहे है।
उधर डीएफएससी मंडी लक्ष्मण ने बताया कि डिपुओं में बायोमीट्रिक मशीन को हम सेनिटाइज कर रहे हैं। यह प्रक्रिया पूरे हिमाचल प्रदेश में जारी है। उन्होंने कहा कि जैसे ही हमारे पास दालों का स्टॉक आएगा, लोगों को वितरित कर दिया जाएगा।