राहुल गौतम। हरोली
कहते हैं कि बुढ़ापे में हर व्यक्ति को सहारे की जरूरत होती है, लेकिन अफसोस है कि देव भूमि हिमाचल की हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव लोअर भदसाली में एक बुजुर्ग दंपति का कोई सहारा नहीं है।
हरोली विधानसभा के गांव लोअर भदसाली के बुजुर्ग दंपति आज बहुत ही दयनीय स्थिति में है, जिनको दवाई तो दूर की बात, पेट भरने के लाले पड़े रहते है। इस दंपत्ति की कोई भी औलाद न होने के चलते इनको लोगों के हाथों की तरफ देखना पड़ता है। 72 साल के भगवान दास ने बताया कि 68 वर्षीय पत्नी केसरी देवी करीब 4 साल पहले अधरंग का शिकार हो गई थी, तब से लेकर अब तक बिस्तर पर ही है, जिसका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ से चल रहा है।
भगवान दास ने बताया की डाॅक्टरों द्वारा केसरी देवी को 90 प्रतिशत तक अपाहिज करार दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि वो खुद खाना बनाता है। दंपति ने बताया कि सरकारी पेंशन के अलावा आय का कोई भी साधन नहीं है। बता दें कि भगवान दास और उसकी पत्नी आज भी कच्चे मकान में रहते हैं, जो कि गिरने की कगार पर है और कभी भी गिर सकता है।
बुजुर्ग दंपति ने बताया कि हमने कई बार पंचयात को इस बारे में कहा, लेकिन आज दिन तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि घर में जाने वाला रास्ता भी ऊबड़-खाबड़ है, जो आज दिन तक ठीक नहीं हुआ है। भगवान दास ने बताया कि उन्हें सिर्फ 1500 रुपए बुढ़ापा पेंशन ही सहारा है। इसके अलावा उनके पास पैसे का और कोई विकल्प नहीं है।
हर संभव दी जाएगी: पंचायत सचिव
ग्राम पंचायत लोअर भदसाली के सचिव गीतांजलि का कहना है कि मैने बतौर सचिव पद पर कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है, जो भी मकान के दस्तावेज है, उसे पंचयात में रखा जाएगा। पंचयात की तरफ से हरसंभव मदद की जाएगी।