अमीर बेदी। पालमपुर
कोरोना महामारी के चलते सरकार ने क्लीनिक इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत क्या प्राइवेट क्लीनिक चला रहे डॉक्टरों को घायल मरीजों के उपचार के लिए मनाही की है। इस सवाल का जवाब पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने प्रधान सचिव एवं निदेशक स्वास्थ्य विभाग से मांगा है।
पूर्व विधायक ने प्रेस के नाम जारी बयान में घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि शनिवार को उनके पड़ोसी पैर फिसलने से बुरी तरह घायल हो गए। वह उन्हें तत्काल नजदीकी प्राइवेट क्लीनिक में ले गए वहां डॉक्टर ने घायल को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया। ऐसा ही दूसरे प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर का भी जवाब मिला।
पूर्व विधायक ने हैरानगी जताते हुए बताया कि फिर वह घायल को लेकर सिविल अस्पताल पालमपुर पहुंचे। हालांकि यहां अन्य मरीजों के अलावा कोविड-19 का टेस्ट करवाने वालों की भी अच्छी-खासी भीड़ थी। इसी को लेकर सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए वह घायल को सरकारी अस्पताल ले जाने का थोड़ा परहेज कर रहे थे, लेकिन वहां इमरजेंसी में तत्काल प्रभाव से तैनात स्टाफ ने घायल का उपचार किया।
सिविल अस्पताल पालमपुर की त्वरित कार्रवाई के लिए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने ड्यूटी पर तैनात कोरोना योद्धा रूपी डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल सटाफ और विशेषकर अस्पताल के एमएस डॉ. विनय महाजन का तहेदिल से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है।