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मुश्किल घड़ी में सरकारी विभागों सहित जनप्रतिनिधियों ने भी इस परिवार की नहीं ली कोई सुध
दिनेश कुमार। करसोग
केंद्र की मोदी सरकार भले ही वर्ष 2022 तक सबको आवास देने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि करसोग उपमंडल में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग पत्नी और दिव्यांग बेटे के साथ मनरेगा के तहत बने रेन हार्वेस्टिंग टैंक में समय काट रहा है।
यहां करसोग की ग्राम पंचायत बगैला के बरशोल गांव में मकान न होने की वजह से दत्तराम मनरेगा के तहत बनाए गए रेन हार्वेस्टिंग टैंक में परिवार के साथ रहने को मजबूर है।
इस परिवार के पास रहने को एक कच्ची रसोई है, जिसमें बिजली तक भी नहीं है, लेकिन जर्जर हो चुकी इस किचन की छत से पानी टपकने के बाद इसकी रिपेयर करनी पड़ी, ऐसे में दत्तराम के पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था।
हैरानी की बात है कि इस मुश्किल घड़ी में सरकारी विभागों सहित जनप्रतिनिधियों ने भी परिवार की सुध नहीं ली। ऐसे में मजबूरन दत्तराम को मनरेगा के टैंक में दरवाजा लगाकर कमरा बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा, ताकि परिवार को रातें काटने के लिए छत नसीब हो सके।
दत्तराम के परिवार में कुल 3 सदस्य हैं, इसमें एक दिव्यांग बेटे सहित बूढ़ी पत्नी है। दत्तराम ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। हैरानी की बात है कि दत्तराम का परिवार बीपीएल सूची में भी शामिल नहीं है। ऐसे में पंचायत की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ग्राम पंचायत बगेला के प्रधान खुशी राम ठाकुर का कहना है कि मामला ध्यान में आने के बाद दत्तराम को मकान दिलाने के लिए कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी है। दत्तराम को जल्द से जल्द मकान दिलाने का प्रयास रहेगा।
तहसील कल्याण अधिकारी भोपाल शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। इस गरीब परिवार को मकान दिलाने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। खुद भी मौके पर जाकर जायजा लिया जाएगा।