हिमाचल दस्तक। भावानगर
किन्नौर जिला के प्रवेश द्वार चौरा गांव में दो स्थानों पर हाई टेंशन विद्युत प्रवाह लाइनों से भयंकर आग लगी जिस से कई पेड़ पौधे भी जले। घटना के वक्त बारिश नही हो रही होती तो जंगल तबाह होते। एक सौ मेगावाट की शोरंग जल विधुत परियोजना द्वारा विद्युत प्रवाह लाइनों में विद्युत प्रवाह करने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान यह हादसा हुआ। गनीमत यह रही की हादसे के वक्त टावर लाइनों के आसपास कोई व्यक्ति या जानवर नहीं थे। अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी शोरंग परियोजना की हाई टेंशन विद्युत प्रवाह लाइन से चौरा गांव में अर्थिंग वायर टूट कर गिरी थी। इतना ही नही इससे पहले भी एक बार इन लाइनों में आग लगी थी। इसी तरह पूर्व में परियोजना पेन स्टॉक चेनल फट जाने से रूपी क्षेत्र में बड़ा हादसा हुआ और इस मे बह कर लोग भी लापता हुए थे।
चौरा ग़ांव के अशोक कुमार का कहना है कि शोरंग परियोजना निर्माण गुणवत्ता पूर्ण होता तो ऐसे हादसे न होते। उन्हें इस परियोजना की लाईन से खतरा बना है। जब विद्युत प्रवाह लाईन के लिए टावर बनाया जा रहा था तो भारी विस्फोटो से उन के घर को क्षतिग्रस्त किया और क्षतिपूर्ति के नाम पर चंद पैसे दे कर खिलवाड़ किया गया। अब उन का घर असुरक्षित हुआ है। इसी तरह लाईनो में बार बार हादसे होने से वे भय और दहशत के साए में रह रहे है। परियोजना निमाताओ के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि बार बार ऐसे हादसे न हो।
उधर शोरंग परियोजना के अधिकारी अनूप बनियल ने बताया कि शोरंग जल विद्युत परियोजना से विद्युत प्रवाह हेतु टेस्टिंग का कार्य चला हुआ था। इस दौरान हादसा हुआ है। अब वे लाईन को ठीक से चैक करवाएंगे ताकि कोई खामी न रह जाए।
एसडीएम भावानगर मनमोहन सिंह ने बताया घटना की सूचना मिलते ही राजस्व टीम को मौके पर भेज दिया गया है, ताकि घटना की सही स्थिति का पता चले। उन्होंने कहा इस मे कम्पनी की ओर से खामी होगी तो तदानुसार कारवाही की जाएगी।