टेकचंद वर्मा 5 शिमला
हिमाचल मंत्रिमडल ने नई खेल नीति पर अपनी मुहर लगा दी है। नई खेल नीति में उभरती खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए कई योजनाओं और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को सम्मान दिलाने सहित प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडिय़ों पर धनवर्षा होगी। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल संबंधित आधारभूत ढांचे को विकसित किया जाएगा, वहीं खेलों में चल रही राजनीति भी खत्म होगी। नई खेल नीति में प्रतिभा को निखारने के लिए ग्रास रूट स्तर के मुकाबलों का आयोजन होगा।
मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करने वालों की जानकारी शिक्षा व खेल विभाग द्वारा उनकी ग्रूमिंग साझा करनी होगी ताकि उन खिलाडिय़ों को बेहतर प्लेटफॉर्म मिल सके। साथ ही ऐसे खिलाडिय़ों का डाटा भी तैयार करना होगा। खेल नीति में विंटर, एडवेंचर व वाटर स्पोट्र्स के ढांचे को मजबूत किया जाएगा ताकि ऐसे क्षेत्रों में खेलों के साथ-साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल सके।
राज्य में आइस स्केटिंग रिंक, स्कीईंग खेलों का ढांचा पीपीपी के तहत बनेगा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न खेलों में पदक विजेताओं को कैश इंसेंटिव में भी वृद्धि का प्रावधान होगा। सभी विभागों में श्रेणी एक व दो की नियुक्ति के तहत तीन फीसदी कोटे का प्रावधान होगा। नौकरियों में ओलिंपिक खिलाडिय़ों को प्राथमिकता मिलेगी। परशुराम अवॉर्ड विजेताओं को विशेष सहायता का प्रावधान होगा, यदि वह व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा कवर में नहीं होगा।
पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि बढ़ाने का प्रावधान
नॉन ओलंपिक सीनियर व जूनियर, स्पेशल ओलिंपिक, विश्व खेल, स्पेशल ओलिंपिक राष्ट्रीय के लिए स्वर्ण, सिल्वर व कांस्य पदकों में राशि बढ़ाने का प्रावधान है। इसके अलावा यूथ, एसएएफ गेम्स, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप व नेशनल गेम्स, नेशनल स्कूल गेम्स के लिए भी पुरस्कार राशि बढ़ाने का प्रावधान रखा गया है।