खेमराज शर्मा: शिमला
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में बच्चे हर्बल गार्डन की जानकारियां लेंगे। बच्चों को स्कूल स्तर पर ही जड़ी-बूटियों की उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा। आयुष विभाग राज्य के 204 स्कूलों में हर्बल गार्डन विकसित करने जा रहा है। इसके लिए बकायदा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर स्कूलों का चयन करने को कहा गया है। हर विस क्षेत्र में 3 स्कूलों का चयन किया जाएगा, जहां पर यह गार्डन तैयार होंगे। इससे पहले यह योजना केवल 136 स्कूलों तक ही थी, यानी की हर विस क्षेत्र में केवल 2 स्कूलों का चयन होना था। लेकिन अब स्कूलों की संख्या को बढ़ाकर 204 किया गया है। इन गार्डन को तैयार करने के लिए क्राइटीरिया भी बनाया गया है।
जिन स्कूलों के पास 500 वर्ग मीटर के अतिरिक्त का क्षेत्र होगा, इसके अलावा सिंचाई की व्यवस्था होगी और स्कूलों में बाउंड्री वॉल का होना भी अनिवार्य होगा। उन्हीं स्कूलों में यह गार्डन तैयार किए जाएंगे। हर्बल गार्डन के रखरखाव का जिम्मा स्कूलों का ही होगा। गार्डन के लिए उपयोग होने वाली भूमि को किस अन्य काम के लिए भविष्य में भी डायवर्ट नहीं किया जा सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने जिलों को जल्द से जल्द इन स्कूलों का चयन करके सूची निदेशालय भेजने को कहा है। इसके साथ ही यदि जिलों ने पूर्व में जारी आदेशों के तहत स्कूलों का चयन कर लिया है तो जिला उपनिदेशक इन स्कूलों की सूची भी विभाग को भेज सकते हैं।
बच्चों को करवाई जाएगी जड़ी-बूटियों की पहचान
बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर्बल की उपयोगिता बताने के लिए शिक्षा विभाग ने यह इनिशिएटिव लिया है। इसके माध्यम से विभाग बच्चों को जड़ी बूटियों की पहचान करना भी सिखाएगा ताकि आगे चलकर वह इसकी उपयोगिता को समझ सकें और इसकी पैदावार को बढ़ाने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास कर सकें।