एजेंसी। तोक्यो
भारत (India) के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra) ने इतिहास रचते हुए तोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीत लिया है। तोक्यो ओलंपिक का 16वां दिन भारत के लिए शानदार रहा।
इससे पहले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया, तो वहीं नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया।
बता दें कि ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला है। इससे पहले बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था।
जैवलिन थ्रो (भाला फेंक प्रतियोगिता) में उन्होंने 87.58 मीटर की थ्रो के साथ भारत की झोली में पहला गोल्ड मेडल डाल दिया। चोपड़ा की इस जीत के साथ ही भारत के तोक्यो ओलंपिक में 7 पदक हो गए हैं और यह किसी एक ओलंपिक खेल में सबसे अधिक पदक लाने का भारत का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले 2012 लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते थे।
भारत के नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में शनिवार को अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिए पर्याप्त था। यह ओलंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है। इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया।
नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया। नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।
फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था।
चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक 2020 में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था।
दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमशः 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गए पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने नीरज चोपड़ा को दी बधाई, अनुराग ने कहा-भारत का गोल्डन ब्वॉय
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा को शनिवार को यहां तोक्यो ओलंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद ट्विटर पर बधाई दी और उनकी प्रशंसा के पुल बांधे।
चोपड़ा ने देश को ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पहला ओलंपिक पदक दिलाया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, नीरज चोपड़ा की अभूतपूर्व जीत। आपके भाला फेंक में स्वर्ण पदक ने सभी रुकावटें तोड़ दीं और इतिहास रच दिया है। आपने अपने पहले ही ओलंपिक में भारत को पहला ट्रैक और फील्ड पदक दिलाया। आपकी उपलब्धि हमारे देश के युवाओं को प्रेरित करेगी। भारत उत्साहित है। बहुत बहुत बधाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, तोक्यो में इतिहास रचा गया। नीरज चोपड़ा ने आज जो हासिल किया है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण प्रदर्शन किया। वह काफी जुनून से खेला और उसने अद्वितीय संयम दिखाया। तोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, नीरज चोपड़ा। भारत का गोल्डन ब्वॉय। भारत का ओलंपिक इतिहास रचा गया। आपका शानदार थ्रो एक बिलियन चीयर्स का हकदार है। आपका नाम स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास में लिखा जाएगा। चोपड़ा ने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर पहला स्थान हासिल कर देश को दूसरा ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाया।
भारत को इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाया था। बिंद्रा ने ट्वीट किया, नीरज चोपड़ा के लिए स्वर्ण पदक। इस युवा खिलाड़ी के सामने नतमस्तक हूं। आपने देश के सपने को पूरा किया। शुक्रिया। साथ ही क्लब (स्वर्ण पदक के) में आपका स्वागत है-इसकी बहुत जरूरत थी। आप पर बहुत गर्व है। मैं आपके लिए बहुत खुश हूं।