दिनेश कुमार। करसोग
करसोग सिविल अस्पताल से प्रदेश सरकार ने सर्जन का तबादला कर दिया है। इतने कम समय में अच्छी सेवाएं देकर सर्जन ने लोगों के दिलों में जगह बना ली थी। ऐसे में एकदम से सर्जन की बदली किए जाने से करसोग की जनता भड़क गई है।
लोगों ने सरकार से तुरंत प्रभाव से सर्जन का तबादला आदेश रद किए जाने की मांग की है। मंडी जिला से जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने जुलाई, 2020 में पहली बार करसोग सिविल अस्पताल में एक साथ 5 विभागों रेडियोलॉजिस्ट, सर्जन, गाइनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी में विशेषज्ञ डॉक्टर के पद भरने के आदेश जारी किए थे।
करसोग की जनता को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद जगी थी। इसके लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें से 3 विभागों गाइनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी विभाग में विशेषज्ञ ने तो ज्वाइन ही नहीं किया।
ऐसे में केवल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार सहित सर्जन कमल दत्ता 2 विशेषज्ञों ने अगस्त, 2020 में अपना कार्यभार संभाला था, जबकि 3 अन्य विभागों के डॉक्टर ने आदेशों के तुरंत बाद अपना जुगाड़ कहीं और फिट कर दिया है। इसके बावजूद सरकार ने 8 महीनों में ही सर्जन कमल दत्ता का तबादला कर दिया है।
जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल का कहना है कि यदि सिविल अस्पताल करसोग से डॉ. कमल दत्ता का तबादला किया जाता है तो करसोग की जनता सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेगी।