- पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की ट्रांसफर बंद
- ज्यादा प्रकोप वाले क्षेत्रों में भेजे जाएंगे डॉक्टर
- उप-निदेशकों को वैक्सीन परचेज करने की दी शक्तियां
- 9 जिलों में संक्रमण का प्रकोप, रोजाना हो रही मौतें
खेमराज शर्मा, शिमला।
हिमाचल में लंपी वायरस संक्रमण के बाद अब पशुपालन विभाग में डॉक्टरों के ट्रांसफर बंद कर दिए हैं। ऐसे में अब रूटीन में डॉक्टरों के तबादले नहीं होंगे, वहीं सरकार ने विभाग को आदेश दिए हैं कि जिन जिलों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है और वहां पर स्टॉफ की कमी है तो अन्य जिलों से स्टॉफ को भेजा जाए। ताकि विभाग इस संक्रमण से अच्छे से निपट सके। साथ ही सरकार ने सभी उप-निदेशकों को अपने स्तर पर वैक्सीन परचेज करने की भी शक्तियां दे दी है।
कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़ प्रदेश के 9 जिला इस समय लंपी वायरस की चपेट में है। ऐसे में इन जिलों में इस वायसर को महामारी घोषित कर दिया गया है। प्रदेश में पड़ोसी राज्यों के साथ लगने वाले जिलों में इस वायरस का ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है। ऊना, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन व बिलासपुर में ज्यादा पशु इससे संक्रमित हुए हैं और मौतें भी यहीं पर ज्यादा हुई है। 2544 पशु इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। बीते 24 घंटे की बात करें तो 57 पशुओं की मौतें भी संक्रमण से पशुओं की प्रदेश में हुई है, जबकि 3042 पशु संक्रमण की चपेट में आए हैं।
किसानों को अभी तक नहीं मिला मुआवजा
राज्य सरकार ने लंपी वायरस के कारण हुई पशुओं की मौत मामले पर मुआवजे की घोषणा की है, लेकिन प्रदेश में किसानों को अभी तक यह मुआवजा नहीं मिल पाया है। मुआवजे की राशि किस मद से दी जानी है ये ना तो पशुपालन विभाग तय कर पाया है ना ही आपदा प्रबंधन विभाग, लिहाजा लोग मुआवजा राशि मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
वहीं, इस संबंध में जब पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लंबी वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है लिहाजा इस संक्रमण से पशुओं की होने वाली मौत पर राजस्व विभाग मुआवजा देगा।
जिलों में महामारी के हालात
जिला मौतें संक्रमित
ऊना 105 3918
कांगड़ा 21 3846
सिरमौर 78 3150
सोलन 40 2302
बिलासपुर 05 772
शिमला 05 701
हमीरपुर 00 285
चंबा 00 41
मंडी 02 90
कुल 256 15105