हिमाचल दस्तक ब्यूरो। धर्मशाला
जिला कांगड़ा का नगरोटा बगवां ब्लॉक आम, लीची, नींबू की बाग़वानी के साथ-साथ अब सेबों की बाग़वानी में हाथ आजमाते हुए अपनी अलग पहचान बना रहा है। नगरोटा बगवां तहसील के गांव पठियार के बाग़वान अर्जुन सिंह ने विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उद्यान विभाग के सहयोग से 3 सालों के भीतर सेब की उच्च किस्म की फसल तैयार करके दिखाई है।
इससे वह आस-पास के बाग़वानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं और क्षेत्र में एक उन्नत किसान के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं। अब क्षेत्र में जब भी सेब की उम्दा पैदावार का जिक्र होता है तो अर्जुन सिंह का नाम मिसाल के तौर पर लिया जाता है।
अर्जुन सिंह ने वर्ष 2014 में शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त होने के उपरांत बागवानी के क्षेत्र में कुछ अलग करने की सोच के साथ दिसंबर, 2017 में प्रदेश के बाग़वानी विभाग के मार्गदर्शन एवं सहयोग से 8 कनाल भूमि पर सेब का बागीचा लगाया था। इसमें अर्जुन सिंह ने 300 पौधे अन्ना और गोल्डन डोरसेट प्रजाति के सेब अपने बागीचे में लगाए थे।
उनकी कड़ी मेहनत से 2 वर्ष के भीतर पौधों में फल आने शुरू हो गए। उन्होंने गत वर्ष लगभग 4 क्विंटल सेब बेचा, जबकि इस वर्ष अभी तक वह 3 क्विंटल से अधिक सेब बेच चुके हैं और अभी भी 3 से 4 क्विंटल सेब का तुड़ान होना बाकी है। उनके बाग़ीचे की विशेषता है कि वह अपने बाग़ीचे में किसी रासायनिक खाद या स्प्रे का प्रयोग नहीं करते। इसके स्थान पर वह केंचुआ खाद का प्रयोग करते हैं जिसे वह खुद तैयार करते हैं।
अर्जुन सिंह कहते हैं कि इस बार सेब की फ़सल काफ़ी अच्छी है और सेबों की गुणवत्ता के चलते ख़रीददार उनके घर पर आकर ही सेब ख़रीद ले जाते हैं, जिससे घर बैठे उन्हें अच्छी आमदन प्राप्त हो रही है।
अर्जुन सिंह बताते हैं कि आगामी वर्षों में उन्हें सेब से और अधिक आय होने की उम्मीद है। अर्जुन सिंह युवाओं से आह्वान करते हुए कहते हैं कि वह अपना गांव छोड़कर बाहर की ओर न जाएं और बेरोजगारी के धक्के खाने से तो यह अच्छा है कि वह अपने खेतों में नई तकनीक से खेती-बाड़ी कर अपने रोजगार का साधन जुटाएं, जिसमें प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं उनके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
उद्यान विकास अधिकारी नगरोटा बगवां डॉ. विवेक गर्ग ने बताया कि यह क्षेत्र आमतौर पर आम, लीची और नींबू की बागवानी के लिए जाना जाता है, लेकिन बागवानों द्वारा कुछ नया करने की इच्छा जाहिर करने के उपरांत विभाग द्वारा उन्हें सेब और कीवी के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसके उपरांत बागवान अर्जुन सिंह ने अपने खेतों में सेब का बागीचा तैयार किया, जिसमें उन्होंने 300 पौधे सेब के उगाए हैं।
उन्होंने बताया कि अर्जुन सिंह ने दूसरे साल में ही सेब के पौधों से पैदावार लेना शुरू कर दिया था। डॉ. विवेक गर्ग ने बताया कि अर्जुन सिंह ने तकरीबन 5 क्विंटल सेब की पैदावार अभी तक ली है और साथ ही उनका सेब घर से ही बिक रहा है और उन्हें अच्छे दाम भी मिल रहे हैं, जिससे बागवानों को अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है।
इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। उद्यान विकास अधिकारी डॉ. विवेक गर्ग बताते हैं कि विभाग द्वारा अर्जुन सिंह को विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत अलग-अलग कॉम्पोनेंट में 50 फ़ीसदी अनुदान प्रदान किया गया है और साथ ही सेब की बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए विभाग द्वारा समय-समय पर बाग़वानों को नई तकनीक के साथ विशेषज्ञों की सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।