चंद्र ठाकुर। नाहन
प्रदेश में लाखों कर्मचारी जयराम सरकार की अनदेखी के शिकार हो रहे हैं। जो वादे कर्मियों से सत्ता में आने से पहले किए गए उन्हें सरकार भूल चुकी है। यहां तक कि सरकार कर्मियों की बात सुनने तक राजी नहीं।
यह बात रविवार को नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार ने कही। उन्होंने जयराम सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग की सरकार को सत्ता में लाने और पूर्व सरकार को बाहर करने में अहम भूमिका रहा है, लेकिन सरकार मांगों को पूरा करने की बजाय कर्मचारियों को टुकड़ों में बांटने का काम कर रही है। कर्मियों पर दबाव की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के राज्य अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि आज प्रदेश का कर्मचारी वर्ग अपनीं मांगों को लेकर सडक़ों पर है। यदि सरकार कर्मियों से टकराव ही चाहती है तो साफ कर दे, जबकि सरकार कर्मियों की मांगों को पूरा कर इस पर विराम लगा सकती है। कर्मियों का ऐसा बिखराव आज तक नहीं देखा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को बातचीत करने लिए बुलाना आज तक उचित नहीं समझा। जेसीसी को अपंग कर दिया है। पे कमीशन आज तक लागू नहीं हो पाया है। एनपीएस कर्मियों का शोषण जारी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस तरह की अनदेखी महासंघ बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार जल्द जेसीसी को बहाल करे। राज्य में नया पे कमीशन जल्द लागू किया जाए। इसके साथ साथ एनपीएस कर्मियों को उनका हक देने के साथ भर्ती व पदोन्नति नियमों में संशोधन आदि मांगों को जल्द पूरा किया जाए।
कर्मचारी नेताओं ने साफ किया कि हिमाचल में हमेशा ही सरकार को सत्ता में लाने में कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है। ऐसे में मौजूदा सरकार कर्मियों को उनका आर्थिक लाभ दिलाने का जल्द फैसला ले। वरना, कर्मचारियों को भी अपना रुख बदलना पड़ सकता है। इस मौके पर अन्य कर्मचारी नेता भी उपस्थित रहे।