रोहित शर्मा। शिमला
हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर वायरल हुए पत्र पर एक नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस नेता और पूर्व सरकार में सीपीएस रहे नीरज भारती को इस मामलें आरेापी बनाया गया है।
नीरज भारती ने इस मामले को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उन्होंने फेसबुक पर वायरल हुए उस पत्र को शेयर किया था। इसके आधार पर पुलिस ने उन्हें 18 जून को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस को अंदेशा है कि कहीं वह पत्र नीरज भारती ने ही न लिखा हो।
फिलहाल इस मामले को लेकर साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री पर भ्रष्र्टाचार के आरोप को लेकर गुमनाम पत्र लिखने पर शिमला की साइबर पुलिस ने आईटी एक्ट में मामला दर्ज कर किया था। एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है।
साइबर पुलिस पत्र लिखने वाले और इसे सोशल मीडिया में वायरल करने वाले शख्स का पता लगाने का प्रयास कर रही है। दरअसल पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर वायरल गुमनाम पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्र में मंत्री पर भ्रष्र्टाचार के आरोप के अलावा उनके चरित्र पर भी अंगुली उठाई गई है।
बताया जाता है कि गुमनाम पत्र भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है और इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया है। अचानक से गुमनाम पत्र के वायरल होने से राज्य में सियासी तूफान मच गया था।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुमनाम पत्र को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे विकृत मानसिकता वाले लोगों की साजिश करार देते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के संकेत दिए थे।