देश में कोविड की दूसरी लहर भयंकर रूप से फैल रही है पर हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के सबसे बड़ा अस्पताल खुद बीमार चल रहा है। यहां पिछले वर्ष कोविड से गंभीर मरीजों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 11 वेंटिलेटर दिए गए हैं लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने चालू तक नहीं किया है।
वैंटिलेटर को चालू करने के लिए एनेस्थीसिया डॉक्टर की जरूरत होती है लेकिन इस चिकित्सालय में कोई भी एनेस्थीसिया नहीं है। ऐसे में लाखों के वैंटिलेटर पिछले वर्ष से मात्र शोपीस बने हुए है। बुधवार को जिला परिषद सदस्य शांता कुमार नेगी ने क्षेत्रीय अस्पताल का निरीक्षण कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मुलाकत करने के बाद मीडिया से रूवरू होते हुए कहा कि की प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र के लिए आए वैटिलेट अभी तक चालू नही है ऐसे मे कोई गम्भीर मरीज आता है तो उस को यहां पर कोई सुविधा नही है ऐसे में प्रदेश के मुख्यमत्री एंव स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाते है की महात्मा गांधी चिकित्सालय रामपुर को कोविड डेडिकेटेड सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया जाए ताकि पांच जिले के लोगों को आसनी से कोविड से जंग लड़ने मे आसनी हो सके।