आशा शर्मा। घुमारवीं
हिमाचल किसान एवं जनकल्याण सभा हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष बृजलाल शर्मा ने एक विशेष बैठक के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री का हिमाचल दौरा केवल सेपु बड़ी बदाने तक ही सीमित होकर रह गया तथा किसानों को उनकी उम्मीद के विपरीत केवल आश्वासनों का झुनझुना ही मिला । यहां तक कि जो उन्होंने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की लोग उन पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं । क्योंकि आज तक जो हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय उच्च मार्ग मिले वह भी फाइलों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से नेरचौक कीर्तिपुर फोर लाइन का कार्य कछुआ गति से चला हुआ है ।
लोगों को इस कदर समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि उन्हें अपने खेतों तक पहुंचना काफी कठिन हो गया है तथा काफी लंबी दूरी तय कर उन्हें अपनी जमीन तक पहुंचना पड़ रहा है । क्योंकि सभी पुराने रास्ते अस्त व्यस्त हो गए हैं । यहां तक कि वह निर्माण कार्य के चलते श्मशान घाट तक भी अव्यवस्थित हो गए हैं । सरकार को बार-बार अवगत कराने के बाद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है ।
बृजलाल शर्मा ने कहा कि किसानों को चार गुना मुआवजा का आश्वासन देकर भारतीय जनता पार्टी सरकार सत्ता में आई थी लेकिन सत्ता सुख में इस कदर खो गई कि उन्हें अपनी घोषणाओं को पूरा करने का समय भी नहीं मिल पा रहा है । जिससे किसान व लोग अपने को ठगा महसूस हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं दिया गया तो वह लोगों को साथ लेकर जन आंदोलन शुरू करेगे तथा इसके लिए वह लोगों को गांव-गांव और घर-घर जाकर जागरूक करेगे। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर वे जन आंदोलन शुरू करेंगे।इसके लिए सभा ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत जिला बिलासपुर के घुमारवीं चुनाव क्षेत्र से शुरू होगी।
उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि जो नेता चुनावी समय में असहाय पशुओं से लोगों की निजात दिलाने की दुहाई देते नहीं थकते थे उन्हें ढूंढना भी अब जनता के लिए टेढ़ी खीर हो चुका है तथा असहाय पशु दिन-रात लोगों की फसलों को चट कर रहे हैं लेकिन नेता अपने आप को लोगों की समस्या सुनने तक ही सीमित रहे हैं । जबकि उन समस्याओं का कोई भी निवारण नहीं हो रहा है । सभा किसानों की समस्याओं को लेकर हर पंचायत में ग्रामीण स्तर पर पैदल यात्रा करके नुक्क्ड़ सभाए व बैठके करेगी।
इसका अभियान जिला बिलासपुर से शुरू करके पूरे हिमाचल प्रदेश तक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष किसान अपनी फसल का बीमा करवाते है। लेकिन जब किसी आपदा से व जंगली जानवरों द्वारा फसल तबाह होती है तो उन्हें बीमा की हुई फसल का कोई लाभ नही मिलता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिस क्षेत्र और जिस किसान की फसल आपदा से जंगली जानवरों द्वारा तबाह की जाती है तो उसका आकलन करवा के किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि वह अति शीघ्र उन किसानों को चार गुना मुआवजा देने का प्रबंध करें जिनकी जमीन फोर लाइन में चली गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की दशा इतनी दयनीय है कि किसान देश व प्रदेश में आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाता है । इस अवसर पर सभा के प्रदेश महासचिव सीता राम शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम प्रकाश वशिष्ठ, , सह सचिव हेमराज शर्मा, सदस्यों में अश्विनी कुमार, निक्का राम शर्मा, धनी राम वर्मा सलाहकार, दलेल सिंह, लेख राम ठाकुर, रघु राम, जगदीश कौशल, महंत राम, सन्त राम कौंडल सलाहकार, ज्ञान चंद, लौगू राम, नंद लाल, रूप लाल, रूप लाल शर्मा, दौलत राम चंदेल, लेख राम शर्मा, जगदीश जसवाल, सभा के कई पदाधिकारियों ने भाग लिया गया।