देवेंद्र गुप्ता। सुंदरनगर
सुंदरनगर की महादेव पंचायत के तहत बने सार्वजनिक शौचालय (public toilet) की लागत सुनकर स्थानीय जनता तो परेशान है, मगर नई बनी पंचायत महादेव भी असमंजस में है।
जानकारी के अनुसार पिछली पंचायत ने आनन-फानन में चुनावों से 6 महीने पहले करीब साढ़े 5 लाख रुपये सार्वजनिक शौचालय पर खर्च की, मगर आज भी यह शौचालय अधूरा है और नई पंचायत ने इस पर अभी तक डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं।
सवाल यह उठता है कि इतनी भारी-भरकम राशि खर्चने के बाद भी पुरानी पंचायत इस टॉयलेट को पूरा नहीं करवा पाई, जबकि नई पंचायत ने कार्यभार संभालते ही इसमें जो भी कमियां थी, वह पूरी की, जिसमें एक से डेढ़ लाख रुपये खर्चा आया है। जिस जगह पर यह टॉयलेट बनाया गया है वहां पर आबादी भी रहती है।
ऐसे में आनन-फानन में बनाए गए शौचालय को यहां से हटाने के लिए स्थानीय लोग भी लामबंद हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जब यह जगह शौचालय के लिए उपयुक्त नहीं थी तो फिर कैसे इस शौचालय का निर्माण इस आबादी की जगह पर किया गया। इसको देख कर स्थानीय निवासी व पूर्व बीडीसी चेयरमैन ज्ञानदास भी मुखर हो गए हैं।