कमल शर्मा। शाहतलाई
उत्तरी भारत का सुप्रसिद्ध मंदिर बालक नाथ जी की तपोभूमि शाहतलाई में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए थे, ताकि श्रद्धालुओं को दिक्कत न आए।
हालांकि हजारों श्रद्धालुओं ने रविवार को बाबा की पवित्र चरण गंगा में स्नान करने के पश्चात बाबा बालक नाथ के चरणों में शीश नवाया जबकि रविवार सुबह-सवेरे ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर परिसर के बाहर लगनी शुरू हो गई थीं।
गौरतलब है कि श्रद्धालुओं में आस्था है कि बाबा बालक नाथ जी चैत्र मास में शाहतलाई में निवास करते हैं इसलिए उनकी हर मनोकामनएं पूरी होने के साथ-साथ और व्यापार व वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मंदिर में नवविवाहित जोड़े अपने परिवार सहित बाबा के चरणों में हाजिरी लगाने काफी मात्रा पहुंच रहे हैं। वहीँ हिमाचल व पंजाब सहित अन्य राज्यों के लोगों की परंपरा है कि जब भी नई शादी होती है तो सर्वप्रथम श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए शाहतलाई पहुंचते हैं।
मेला अधिकारी एवं नायब तहसीलदार कलोल रमेश धीमान ने बताया कि मंदिर में रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा जी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को न्यास प्रशासन द्वारा हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि 14 मार्च से लेकर 21 मार्च तक 10 लाख 10 हजार 945 रुपये का चढ़ावा चढ़ा है, जबकि पिछले वर्ष 6 लाख 19 हजार 128 रुपये का चढ़ावा चढ़ा था, जो कि पिछले वर्ष से 3 लाख 91 हजार 800 रुपये ज्यादा है।