विजय शर्मा :सुंदर नगर :
सलापड़ शिव मंदिर में ग्राम सुधार कमेटी के दौरा चलाई जा रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन परम् श्रधेय आचार्य अरुण मोदगिल के मुखारविंद से ज्ञानयज्ञ कथा का स्थानीय लोगों के द्वारा श्रवनपान किया जा रहा है ।
कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर दो बजे से पांच बजे तक किया जा रहा है ,कमेटी के प्रधान रूपलाल ठाकुर ने बताया कि कथा का समापन महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा और 22तारीख को भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है अतः सभी श्रद्धालुओं से विनम्रतापूर्वक आग्रह किया कि हर रोज कथा का श्रवनपान अवश्य करे ,पांचवे दिन की कथा में आचार्य अरुण ने भागवत के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय तथा 12 स्कन्ध हैं। इसके विभिन्न स्कंधों में विष्णु के लीलावतारों का वर्णन बड़ी सुकुमार भाषा में किया गया है।
परंतु भगवान् कृष्ण की ललित लीलाओं का विशद विवरण प्रस्तुत करनेवाला दशम स्कंध भागवत का हृदय है। अन्य पुराणों में, जैसे विष्णुपुराण (पंचम अंश), ब्रह्मवैवर्त (कृष्णजन्म खंड) आदि में भी कृष्ण का चरित् निबद्ध है, परंतु दशम स्कंध में लीलापुरुषोत्तम का चरित् जितनी मधुर भाषा, कोमल पदविन्यास तथा भक्तिरस से आप्लुत होकर वर्णित है वह अद्वितीय है। रासपंचाध्यायी (10.29-33) अध्यात्म तथा साहित्य उभय दृष्टियों से काव्यजगत् में एक अनूठी वस्तु है। वेणुगीत (10.21), गोपीगीत, (10.30), युगलगीत (10.35), भ्रमरगीत (10.47) ने भागवत को काव्य के उदात्त स्तर पर पहुँचा दिया है।