अशोक ठाकुर। इंदौरा
ब्लॉक इंदौरा के मंड क्षेत्र में देर रात आए भीषण तूफान ने भारी नुकसान कर किसानों और बागवानों के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। तूफान का सबसे ज्यादा अधिक असर क्षेत्र की मीलवां पंचायत में देखने को मिला जहां पर जगह-जगह बिजली के खंभे और तारें टूट गई हैं।
इस कारण सारा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जेई गौरव की टीम ने सप्लाई को दुरस्त करने का मोर्चा संभाल लिया है। मीलवां में सफेदों के पेड़ जड़ से उखड़ जाने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग 6 घंटे तक बाधित रहा। एक बड़ा सफेदे का पेड़ काइया गुज्जर की भैंसों के ऊपर गिर जाने के कारण उसकी 5 भैंसें मौक़े पर ही मर गईं।
वहीँ धमोता निवासी ताराचंद की तूफान में घिर जाने से मौत हुई है। मीलवां गांव के सतपाल, तेज सिंह, कंचन कटोच, अजय कटोच, मास्टर जीत, लीला देवी, सुरेंद्र सिंह इत्यादि बागवानों के लीचियों के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। तूफान की गति तेज होने के कारण सैकड़ों लीची के पेड़ जड़ से उखड़ कर दूर खेतों में पहुंच गए।
बागवानी विभाग इंदौरा से बागवानी अधिकारी कुलदीप सिंह सहित गठोता पटवार सर्कल के पटवारी जसविंदर सिंह ने मौके पर पहुंचकर मरी हुई भैंसों और उखड़े हुए लीची के पेड़ों की जानकारी इकट्ठी की।
इसके अलावा उलेहड़ियां, बसंतपुर पंचायत में भी लीची के पेड़ उखड़ने का समाचार है। त्यौरा गांव से ओम प्रकाश, स्वरूप सिंह, गगन सिंह, वीर सिंह, ईशर सिंह, जीवा आदि और बसंतपुर से चैन सिंह, विक्रांत और कपिल के लीची के पेड़ तूफान ने जड़ से उखाड़ दिए जिस कारण बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
इसके अलावा उलेहड़ियां के सोढ़ी का और धमोता के सुरजीत का पोल्ट्री फार्म का शेड भी उड़ जाने का समाचार है। ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से तुरंत इस प्रति कार्रवाई करने की अपील की है तथा उचित मुआवजा शीघ्र से शीघ्र देने की भी मांग की है।