हिमाचल दस्तक। सुबाथू
सुबाथू के सलारिया स्टेडियम में शनिवार को भारत माता के जय के नारों से पूरा सेना मैदान गूंजता रहा। मौका था 62 जवानों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद शपथ समारोह का, 42 सप्ताह तक रणभूमि में दुश्मन को धूल चटाने के सारे पैंतरे सीखने के बाद, अब सीने में एक सिपाही की वर्दी पहनने का उत्साह कुछ ऐसा था कि शनिवार की सुबह तारो की रोशनी में ही जवान स्टेडियम में तैनात हो गए। सूरज की रोशनी में 62 जवान देश की रक्षा के लिए स्टेडियम में भारतीय सविधान का पालन करने की शपथ लेने को तैयार थे। स्टेडियम के मुख्य दरबार से सेना की एक टुकड़ी राष्ट्रीय धुन पर हाथों मे तिरंगा लिए स्टेडियम में पहुचती ।
इस दौरान मैदान में तैनात सभी जवान व आला अधिकारी तिरंगे के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर सलामी देने लगे। सेना के धर्म गुरु ने शपथ ग्रहण करने वाले सभी जवानों को हिन्दू धर्म के अनुसार गीता पर हाथ रखकर देश की रक्षा के लिए जरूरत पडऩे पर कुर्बानी देने की शपथ ग्रहण करवाई। इसके पश्चात सभी जवानों ने शपथ समारोह का निरीक्षण करने पहुचे समारोह के मुख्य अतिथि 14 जीटीसी के कामेंडेन्ट ब्रिगेडियर एच एस संधू को मार्च पास्ट करते हुए एक साथ सलामी दी।
मुख्य अतिथि ने सेंटर के परंपरा के अनुसार बेस्ट रंगरूट दीप जंग को गोरखा के जातीय हथियार खुखरी देकर सम्मानित किया। ब्रिगेडियर ने सभी जवानों सहित उनके परिजनों को बधाई भी दी ! इसके बाद जवानों की एक टुकड़ी ने नेपाली गीत पर रणभूमि में युद्ध के दौरान खुखरी चलाने का हुनर भी दिखाया।