शिमला:हिमाचल भाजपा ट्राइबल मोर्चा के अध्यक्ष एवं वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने प्रेस वार्ता में कहा कि 2 दिन से कांग्रेसी नेता विक्रमादित्य सिंह द्वारा एक वीडियो वायरल किया गया है जिसको तोड़ मरोड़ के पेश किया है। ये वीडियो वास्तव में 7 मिनट का बना था, पर उसे 1 मिनट 35 सेकंड का काटकर सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जो वीडियो को लेकर टिप्पणी की है वह आपत्तिजनक है और विधायक को मूल विषय बदलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वीडियो में उन्होंने कहा है कि बर्फबारी को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बर्फ से कई लाभ होते हैं जैसे कि पीने के पानी, हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर को फायदा।
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने जो वीडियो वायरल किया है उसको तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। ताकि ऐसा लगे कि बर्फबारी का श्रेय मुख्यमंत्री को देने जैसा भाव बन सके। जबकि वीडियो में कहा था कि बर्फबारी भगवान की कृपा है। कहीं भी वीडियो में ऐसा नहीं कहा है कि यह जयराम सरकार की कृपा है। सूरत नेगी ने बताया कि उनको भी राजनीति में 30 वर्ष से ज्यादा समय हो चुका है।
नार्थ ईस्ट से लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में उन्होंने कई दायित्व का निर्वहन किया है और पिछले 13 वर्ष से वह भाजपा में कार्य कर रहे हैं। जब विक्रमादित्य सिंह बोलना भी नहीं सीखे थे, तब वह कॉलेज में छात्र राजनीति में प्रवेश कर चुके थे। उन्होंने कहा विक्रमादित्य सिंह को हिंदी भाषा सीखनी चाहिए। शायद अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़े हैं तो उनको हिंदी समझ नहीं आती, इसलिए उन्हें वीडियो का मूल भी समझ नहीं आया।
जगत सिंह नेगी की ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी गलत
सूरत नेगी ने कहा कि किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी को इतिहास का ज्ञान नहीं है इसलिए वह बार बार गलत टिप्पणियां करते हैं जैसे कि विधानसभा में ब्राह्मणों को लेकर उन्होंने टिप्पणी की है। यह भी एक वामपंथी भाषा है। जगत सिंह नेगी किन्नौर को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से वह वन निगम के उपाध्यक्ष बने हैं तब से 9 वर्षों में पहली बार निगम को 98 लाख का मुनाफा हुआ है। पहले वन निगम 34 करोड़ के घाटे में चल रहा था इस बार वन निगम ने 60 करोड़ की रॉयल्टी भी सरकार को दी है और 22 करोड़ का जीएसटी का भुगतान भी किया है।