हिमाचल दस्तक। धर्मशाला
रविवार को जहां पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा होगा, वहीं सड़क जैसी मूलभूत सुविधा की मांग को लेकर धारकंडी क्षेत्र की 5 पंचायतों के लोग आमरण अनशन शुरू करेंगे।
बरनेट-घेरा सड़क की मांग को लेकर पिछले 3 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के दिन से आमरण अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है। वहीं ग्रामीणों ने चेताया है कि इसके बावजूद सरकार नहीं जागती है तो धारकंडी क्षेत्र की भत्तला, रावा, करेरी, कुठारना, खड़ीबेही पंचायतों से आने वाले पेयजल स्रोतों को बंद कर देंगे।
12 जुलाई को हुई बारिश के चलते कैंट नाला के पास 100 मीटर सड़क बहने से खड़ीबेही, रावा, भत्तला, करेरी गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट चुका है, जिससे इन पंचायतों की 4 से 5 हजार आबादी प्रभावित हो रही है।
ऐसे में ग्रामीणों के पास बरनेट-घेरा मार्ग का विकल्प बचा है, जिसकी फाइल कई वर्षों से शिमला में अटकी पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क सुविधा न होने के चलते इन पंचायतों के डिपुओं व दुकानों में राशन नहीं पहुंच पा रहा, स्वास्थ्य सुविधाएं भी लोगों को नहीं मिल पा रही, ऐसे में उनका जीना दुभर हो गया है।
धारकंडी क्षेत्र के ग्रामीण रिंकू ने कहा कि सड़क सुविधा की मांग को लेकर 5 पंचायतों के लोग 3 दिन से डीसी कार्यालय के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अगले कल यानी 15 अगस्त बरनेट-घेरा सड़क की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
डिपुओं व दुकानों में राशन नहीं है, स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पा रही। आमरण अनशन के बावजूद सरकार नहीं जागती है तो धारकंडी क्षेत्र की 5 पंचायतों भत्तला, रावा, करेरी, कुठारना, खड़ीबेही से आने वाले पेयजल स्रोतों को बंद कर दिया जाएगा।