हिमाचल दस्तक
नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर की तस्वीर पूरे देश की आंखो से नहीं जा रही है। इतने बड़े धमाके ने मानो पूरी दुनिया को ही हिला दिया हो। लेकिन ट्वीन टावर को लेकर गिराने के पीछे किसका हाथ है। यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यह कमाल चार बजुर्गो का है। रविवार दोपहर ठीक 2.30 बजे दोनों खत्म कर दिए गए। 100 मीटर ऊंचे टावर महज 12 सेकेंड में जमींदोज हो गए। हम आपको बता रहे हैं उन चार बुजुर्गों के बारे में, जिन्होंने दस साल तक पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में ट्विन टावर बनाने वाली सुपरटेक कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। इन्हें लालच दिया गया, धमकियां देकर रोकने की कोशिश की गई, लेकिन इन बुजुर्गों के हौसले के आगे बिल्डर की एक न चली।
एमरॉल्ड कोर्ट रेजिडेंटस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयभान तेवतिया केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल से रिटायर अफसर हैं। सुपरटेक के खिलाफ इस लड़ाई में उदयभान प्रमुख शख्स हैं। इनके साथ एसके शर्मा, रवि बजाज और एमके जैन हाईकोर्ट इलाहाबाद गए थे। एमके जैन की कोरोना महामारी के वक्त निधन हो चुका है। बाकी तीन सीनियर सिटीजन अभी जिंदा हैं।
दिसंबर 2012 में खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
उदयभान सिंह तेवतिया ने एसके शर्मा, रवि बजाज और एमके जैन के साथ मिलकर दिसंबर 2012 में पहली बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस जगह पर ट्विन टावर बन रहा था, उस जगह को बिल्डर ने पार्क के लिए बताकर फ्लैट बेचे थे, लेकिन वहां ट्विन टावर खड़े कर दिए। 10 साल की लड़ाई के बाद जीत मिली।