रमेश शर्मा। रामपुर बुशहर
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लोकल कमेटी रामपुर ने केंद्र सरकार द्वारा लगातार पैट्रोल डीजल व रसोई गैस के दामों में की गई बढौतरी को वापिस करवाने, बढती मंहगाई व बेरोजगारी पर रोक लगाने, 3 किसान विरोधी काले क़ानूनों को वापिस लेने व 4 मजदूर विरोधी कोडों को वापिस लेने की मांग को लेकर सोमबार को रामपुर में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन को सम्बोेधित करते हुए सीपीएम राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद व जिला कमेटी सदस्य बिहारी सेवगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की जयराम सरकार कोरोना महामारी को भी पूंजीपतियों को और ज्यादा लुटने के अवसर के रूप देख रही हैं।करोना कॉल मैं 11 लोगों को अरबओंपति बना दिया lअतंराष्ट्रीय मार्किट में कच्चे तेल के रेट लगातार कम हो रहे है जबकि लगातार पैट्रोल ओर डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही हैं, रसोई गैस के दामों में 50 रूपये बढौतरी करके आम जनता पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा हैं।
लगातार रेट बढ़ौतरी के चलते आज 70 साल में पहली बार डीजल के रेट पैट्रोल के बराबर हो चुके है। एक तरफ सरकार किसानों की आय दुगनी करने की बात करती हैं दुसरी और डीजन के रेट लगातार बढ़ने से किसान की फसल पर लागत बढ़ गई हैं, किराया बढ़ने से आम उपभोक्ता वस्तुओं के दाम में भी बेतहाशा बढ़ौतरी हो गई है। कोरोना महामारी के चलते बेरोजगारी व मंहगाई के कारण जनता पहले ही त्रस्त है। इस दौरान राज्य व केन्द्र सरकार ने डीजल पट्रोल व रसोई गैस पर अपने ट्रैक्सों में बढौतरी करके आम जनता की जेब पर ड़ाका डालने का काम किया है।
आज भी पडोसी देशो मे इसका भाव सस्ता है हमारे देश की सरकार सस्ता होने पर भी टैक्स लगाकर आम जनता की कमर तोड़ रही हैl कोरोना संकट के चलते पहले ही आम आदमी की मुसीबते बढ़ रही हैं।आज बाजार के अंदर आम जीवन में इस्तेमाल होने वाली खाद्य बस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं टमाटर,प्याज़ के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है खाने के तेल के दाम पहली बहुत ज़्यादा हो गए हैं जिससे आम जनता को अपने जीवन का निर्वहन करना कठिन हो रहा हैl पेट्रोल , डीज़ल और रसोई गैस के दाम लगातर बढ़ने से आर्थिक बोझ और ज्यादा बढ़ गया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सीपीएम लोकल कमेटी ने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की है कि डीजल, पट्रोल व रसोई गैस के दामों में की बढौतरी को वापिस लिया जाए, मंहगाई पर रोक लगाई जाए, 3 किसान विरोधी काले कानूनों को वापिस लिया जाएl