शिमला:
फॉरेस्ट कवर एरिया बढऩे पर हिमाचल को केंद्र से बड़ी राहत मिली है। 15वें वित्तायोग ने वन विभाग को 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 111 करोड़ का बजट मंजूर किया है। यह 14वें वित्तायोग के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक है।
केरल के बाद हिमाचल को इस क्षेत्र में बड़ी ग्रांट मंजूर की गई है, जबकि पहाड़ी राज्यों की तुलना में प्रदेश पहले स्थान पर है। इस बजट को सरकार प्रदेश में छह प्रतिशत क्षेत्र को वन क्षेत्र में बढ़ाने पर खर्च करेगी। इस बजट को विभाग पौधरोपण के कार्यों के अलावा जल संरक्षण, भूमि कटाव को रोकना, चेक डैम जैसे कई कार्यों को बढ़ावा देने पर खर्च करेगा। प्रदेश में दो सालों के भीतर 333 वर्ग किमी फॉरेेस्ट कवर एरिया बढ़ा है।
पौधरोपण और उनके सर्वाइवल रेट को इसका बढ़ा कारण माना जा रहा है। इसके अलावा अवैध वन कटान को रोकने की वजह से भी प्रदेश में वन क्षेत्र के दायरे में वृद्धि हुई है, इसका लाभ केंद्र ने 15विं वित्तायोग की ग्रांट में दस प्रतिशत की वृद्धि के साथ हिमाचल को दिया है।
2030 तक 33 प्रतिशत तक बढ़ाना है फॉरेस्ट कवर एरिया
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रदेश में 2030 तक 33 प्रतिशत तक वन क्षेत्र को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया है। विभाग अभी तक 27 प्रतिशत क्षेत्र को इसमें कवर कर चुका है। विभाग के पास अब छह प्रतिशत क्षेत्र ही वन क्षेत्र के अधिन लाने को रह गया है। इस काम के लिए विभाग के पास अभी दस साल का समय शेष रह गया है। विभाग का प्रयास है कि दस साल की समय अवधि से पहले इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाए। इसके लिए विभाग साल दर साल ट्री प्लांटेशन पर जोर दे रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा समय समय पर कई स्कीमों को चलाया जा रहा है।
फॉरेस्ट कवर एरिया बढऩे पर हिमाचल को 15वें वित्तायोग ने दस प्रतिशत की वृद्धि के साथ 111 करोड़ का बजट मंजूर किया है। 2030 तक प्रदेश में 33 प्रतिशत क्षेत्र को फॉरेस्ट कवर एरिया में शामिल करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
-गोबिंद सिंह ठाकुर, वन मंत्री