रोहित शर्मा। शिमला
हिमाचल सरकार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूर की गई नई एक्साइज पॉलिसी में एक विवादित लाइसेंस एल-10बीबी को मंजूर कर दिया है। हालांकि इसमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं। राज्य में इस तरह का लाइसेंस 2001 से 2018 19 तक रहा है। फिर इसे बंद कर दिया गया था। इसमें सबसे बड़ी वजह कुल्लू, मनाली एरिया में दो लाइसेंस धारकों के बीच में जारी लड़ाई को माना जा रहा था।
अब कैबिनेट ने अब कुछ संशोधनों के साथ इस लाइसेंस को बहाल किया है, जिसके तहत आप डिपार्टमेंटल स्टोर भी दारु बेच सकेंगे। इनके यहां बेची जाने वाली शराब विदेशी एवं महंगी होगी। यह लाइसेंस सिर्फ पर्यटन क्षेत्रों और नगर निगम क्षेत्रों में ही दिए जाएंगे। यहां इंपोर्टेड व्हिस्की, इंपोर्टेड बियर और वाइन बेचने की अनुमति होगी और डिपार्टमेंटल स्टोर को व्हिस्की एल2 ठेके यानी रिटेलर से ही लेनी होगी, जबकि बाकी शराब वह एल वन यानी होल सेलर से भी ले सकता है।
सोमवार को कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अनुसार सरकार को 228 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व होने की परिकल्पना की गई है। नीति के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1829 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति की उम्मीद जताई जा रही है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 से 14 प्रतिशत ज्यादा है।
बताया जा रहा है कि नई आबकारी नीति में कोटे के अंतर जिला हस्तातरण से कोटे के रेशनलाइजेशन की नई आधारशिला स्थापित होगी। कोटे को देसी से अंग्रेजी शराब में परिवर्तित करने के लिए अब कोटा कनर्वजन फीस को भी लाया गया है। रेवेन्यू सिक्योरिटी की सुरक्षा के लिए एल-1 और एल -13 लाइसेंस फीस को बढ़ा दिया गया है। शराब की तस्करी को रोकने के लिए एनफोर्समेंट यूनिट को मजबूती दी जाएगी। इसके लिए पुलिस बल स्थापित किया जाएगा। साथ ही विश्वबैंक पोषित ट्रैक एंड ट्रैस प्रोजेक्ट को मजबूत करने के लिए नीति मे नए प्रावधान किए गए है। केंद्रीय सेना पुलिस के लिए शराब की कैंटीन की कैंटीन खोलने को लाइसेंस दिया जाएगा। लाइसेंस फीस और एक्साइज डयूटी को 5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। कोटे में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। नीति में रेवेन्यू के नए संसाधनों का जिक्र भी किया गया है। इसके अनुसार वाइन मैन्यूफैक्चर यूनिट में विजिटर सेंटर, वाइन टेस्टटिंग फेस्टिवल और टेंट अकोमोडेशन के लिए लाइसेंस का जिक्र किया गया है।
शराब निर्माताओं के लिए ईएनए की अनिवार्य टेस्टिंग के प्रावधानों में छूट दी गई है। इथेन के उत्पादन के लिए नए लाइसेंस दिए जाएंगे। शराब निर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए वाइन टेस्टिंग फेस्टिवल और विजिटर सेंटर का प्रावधान किया गया है। डी-2 डी 2ए, और बीडब्ल्यूएच टू लाइसेंस के जरिए ईएनए की खरीद को सुव्यवस्थित किया जाएगा। इसके अलावा छोटे होल सेलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए एल-1 लाइसेंस के लिए लाइसेंस फीस को रेशनलाइज किया जाएगा। परिवहन के दौरान होने वाली टूटफूट के लिए ब्रेकेज को 0.5 से 0.6 तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई है।
क्या है रिटेलर के लिए
- रिटेल लाइसेंस की रिन्यूवल फीस 3 प्रतिशत रेट घटी
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देसी शराब का अनिवार्य लिफ्टिंग कोटा 30 से 15 प्रतिशत हुआ
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रिटेल सेल की सीमा हटाई
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डेटीकेटिड वाइन सेलर को मजबूती
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कोटे से कनर्वजन फीस हुई कम
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एमआरपी से ज्यादा शराब बेचने पर पेनेल्टी कम
होटल रेस्त्रां व बार के लिए
-मिनिमम वार्षिक कोटा घटाया जाएगा। अगर नजदीकी रिटलेर इच्छित शराब के ब्रांड उपलब्ध करवाने में नाकाम है, तो अन्य शराब विक्रेताओं से शराब खरीदने के प्रावधानों को आसान किया गया है। फर्निश सिक्योरिटी की जरूरत को हटाया गया है।
उपभोक्ताओं के लिए
- विशेष शर्ते पूरी करने के बाद विभागीय केंटीन से पर्यटकों व विशेष श्रेणी के लोगों को शराब खरीदने की अनुमति
मनमानी दामों पर होने वाली बिक्री रोकने के लिए तय होगा एमआरपी
सस्ते शराब के ब्रांड से हटाई जाएगी एक्साइज डयूटी
-सस्ते शराब के ब्रांड के दाम भी घटे।
- मार्केट में बायो ब्रांड उपलब्ध करवाने के लिए एल-1बीबी होलसेलर्स को अन्य राज्य से शराब खरीदने की अनुमति