सोनिया शर्मा। शिमला
कोरोना की दूसरी लहर हिमाचल में कहर बरपा रही है। नए केस कम होने के बावजूद मौतें कंट्रोल नहीं हो रही। पहली लहर में पिछले साल यानी 2020 के मई महीने में कुल 4 मौतें हुई थीं।
यही नहीं, पिछले साल अप्रैल महीने में हिमाचल में कोई मौत नहीं हुई थी। यदि वर्ष 2020 को देखें तो दिसंबर महीने तक कुल 921 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इस साल यानी 2021 में मई महीने में ही अब तक 1390 लोगों की मौत हो चुकी है।
इससे पता चलता है कि दूसरी लहर में मई महीना मौत के लिहाज से कितना भयावह गुजरा है। अभी महीने के 25 दिन ही हुए हैं। इस महीने ने देश सहित हिमाचल को भी कभी न भूलने वाले जख्म दिए हैं। सोमवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कैबिनेट के समक्ष रखी गई प्रेजेंटेशन में कोविड-19 को लेकर कई तथ्य सामने आए हैं। इनमें सबसे दुखद बात ये है कि दूसरी लहर के दौरान प्रदेश सरकार मौतों का सिलसिला थामने में कामयाब नहीं रही।
दूसरी लहर तो बेहद घातक साबित हुई। मई 2021 में 25 तारीख तक प्रदेश में 1389 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़ा इस कदर भयावह है कि अकेले वर्ष 2020 में नौ महीने और नए साल के शुरुआती चार महीनों में भी इतनी मौतें नहीं हुई, जितनी अकेले मई महीने में हो चुकी हैं। पिछले साल नौ महीने में 921 मौतें हुईं।
नए साल के पहले तीन महीनों यानी जनवरी, फरवरी व मार्च में 113 लोगों की जान गई। फिर अप्रैल महीने में 449 लोगों की मौत हुई। यदि 2021 के चार महीनों की संख्या देखें तो कुल 562 लोग काल का ग्रास बने। उधर, अकेले मई महीने में 1389 लोगों की जान गई। यदि मौत के आंकड़े इसी तरह बढ़ते रहे तो अकेले मई महीने में मौतौं की संख्या पिछले साल से लेकर इस साल के अप्रैल महीने से अधिक हो जाएगी। इससे पता चलता है कि मई महीना हिमाचल के लिए कितना दुख भरा साबित हुआ है।
कोरोना से 9 बच्चों की मौत
हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 से अब तक पंद्रह साल से कम आयु के 9 बच्चों की जान गई है। फिर 15 से 29 साल के बीच के युवाओं में 37 को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा 30 से 44 साल की आयु वर्ग में 296, 45 से 59 की आयु में 745, 60 से 74 साल वालों में 1089 व 75 साल से अधिक की आयु वाले 576 बुजुर्गों की मौत हुई।