शैलेश सैनी । नाहन
सांसद केडी सुल्तानपुरी के बाद भाजपा के तमाम सांसद सिरमौर के रेल मुद्दे पर दिल्ली संसद पहुंचे थे। बावजूद इसके दो दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक जिला सिरमौर के दो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को डबल इंजन वाली भाजपा सरकार रेल से नहीं जोड़ पाई है।
हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल प्रवास पर है । बावजूद इसके प्रदेश की जयराम सरकार की ओर से सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी से जुड़ने के लिए कोई भी प्रयास नजर नहीं आ रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल आज शाम को 4:00 बजे के आसपास से रवानगी ले लेंगे। मगर रेल का मुद्दा फिर भी जस का तस खड़ा रह गया है। गौरतलब हो कि जिला सिरमौर में दो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र काला अंब व पांवटा साहिब है जहां पर छोटे बड़े मिलाकर करीब 15 सौ से अधिक औद्योगिक इकाइयां है।
औद्योगिक इकाइयों और सरकार के इन्वेस्टर मीट ड्रीम प्रोजेक्ट को दिल से जुड़ा जाना मिल्खा पत्थर साबित हो सकता है। यही नहीं रेल कनेक्टिविटी को लेकर तीसरा प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बीबीएमबी लंबे समय से रेल कनेक्टिविटी की मांग कर रहा है। अब यदि जिला सिरमोर को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाता है उससे ना के उद्योगपतियों को बल्कि प्रदेश के बागवानों को भी दोहरा फायदा होगा। देश की बड़ी मंडियों में सेवा अन्य उत्पादों को समय पर मंदिर तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी।
गौरतलब हो कि सन् 70 के दशक में बद्दी काला अंब , पांवटा साहिब होते हुए देहरादून तक रेलवे लाइन का सर्वे हो चुका है। मगर आज तक कोई भी सरकार इस योजना को अमलीजामा नहीं बना पाई है। अलादीन पूर्व सांसद रहे वीरेंद्र कश्यप ने शिमला संस्कृत चुनाव के दौरान रेल को सिरमौर के लिए प्रमुख मुद्दा बनाया था। उसके बाद सांसद सुरेश कश्यप जोकि भाजपा के बड़े कदावत नेता व प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी है। मगर वह भी अपने गृह जिला सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी नहीं दिला पाए हैं।
जबकि जयराम सरकार और संगठन के प्रमुख सुरेश कश्यप मिशन रिपीट के बड़े-बड़े दावे भी कर रहे हैं। सांसद सुरेश कश्यप तमाम संसदीय क्षेत्रों में हाजिरी तो लगाते हैं मगर जिला सिरमौर के रेल मुद्दे पर वह चुप्पी साध लेते हैं। उधर जब सांसद सुरेश कश्यप से फिर मौर्य के मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे रेल मंत्री से इस विषय पर चर्चा करेंगे।