शिमला:
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में जल जीवन मिशन कार्यक्रम पर आईपीएच विभाग के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने सभी केंद्र प्रायोजित जल आपूर्ति योजनाओं को 2022 से पूर्व पूरा करने पर बल देते हुए कहा कि इस अवधि में सभी घरों को पाइपों के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा करवाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक हर घर को जल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन कार्यक्रम की घोषणा की है।
राज्यपाल ने कहा कि सतही और भूमिगत जल के सतत् इस्तेमाल के लिए योजनाएं तैयार करने और इस्तेमाल किए गए पानी को पुन: उपयोग में लाने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं का समायोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक 13,48,841 घरों में से 08,07,927 घरों में पानी की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, जो 60 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्र की प्रतिशतता 19.26 प्रतिशत है। वर्ष 2024 तक राष्ट्रीय उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल जीवन मिशन को प्रदेश में परियोजना के रूप में अपनाने की आवश्यकता है और इसके लिए प्रदेश को 2022 तक की कार्ययोजना तैयार करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को जल की महत्ता के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए और ग्रामीण स्तर पर स्थापित जल प्रबंधन समितियों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय पहाड़ी और वन क्षेत्रों में कम लागत की संचालन एवं रखरखाव वाली सौर ऊर्जा और गुरुत्वाकर्षण पर आधारित जल आपूर्ति योजनाओं की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
उन्होंने आईपीएच विभाग की चल रही विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रगति को सराहा। सचिव आईपीएच और ग्रामीण विकास डॉ. आरएन बत्ता ने आईपीएच और जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विभाग के मुख्य अभियंता नवीन पुरी ने प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और योजनाओं पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर, आईपीएच के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।