शिमला असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने बढ़ा कदम उठाया है। इसके लिए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगारों के नियमों में संशोधन किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम एवं रोजगार की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी कई है। राज्य में इस समय करीब डेढ़ लाख कामगार पंजीकृत हैं। इनमें मनरेगा कर्मी भी शामिल हैं।
अधिसूचना के अनुसार हर पंजीकृत कामगार को गंभीर बीमारी होने पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों या पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज करवाने के लिए 5 लाख रुपये जारी होंगे। ये राशि चयनित गंभीर रोगों की सर्जरी के लिए होगी। इसके अलावा आउटडोर इलाज के लिए 1 लाख रुपये की मेडिकल रिइंबर्समेंट की सुविधा ओरिजिनल बिल दिखाने पर मिलेगी। यही नहीं, नियमों में हुए संशोधन के बाद काम के दौरान मृत्यु पर अब 2 की जगह 4 लाख रुपये परिवार को दिए जाएंगे। महिला कामगारों को पहली बार मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जा रही है। ये 90 दिन से लेकर 26 हफ्ते तक की होगी।
बच्चों की पढ़ाई के लिए एक लाख तक मदद
संशोधित नियमों के अनुसार कामगारों की बेटियों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इसमें स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई के लिए मदद बोर्ड से मिलेगी। यहां तक कि पोस्ट ग्रेजुएशन और अन्य डिग्री एवं डिप्लोमा के लिए भी 35,000 रुपये तक की आर्थिक मदद मिलेगी। बेटियों के अलावा बेटों के लिए भी एक लाख प्रतिवर्ष तक की रिफंड की शर्त पर मदद बोर्ड से मिलेगी।
राज्य मेें कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। ये संशोधन लागू हो गए हैं और इनका लाभ लेने के लिए सभी कामगारों को पंजीकरण सुनिश्चित करना होगा।
-एसएस गुलेरिया, आयुक्त श्रम एवं रोजगार विभाग