दिनेश कुमार। करसोग
करसोग में कोरोना और बारिश दोनों ही कहर बनकर टूट रहे हैं। एक तरफ जहां लगातार बारिश से लोगों की फसलें तबाह हो रही हैं, वहीं गरीब लोगों के घरों के गिरने की खबरें भी मिलने लगी हैं।
ऐसा ही मामला करसोग के वार्ड नंबर एक जगातखाना में देखने को मिला है। रेहड़ी-फड़ी लगाकर अपना पेट पालने वाली कौशल्या के लिए बारिश कहर बनकर टूटी है। बीते समय हुई बारिश और आंधी में उनके जर्जर घर की आधी दीवार गिर गई है। दीवार में तीन तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। दुख की बात यह है कि कौशल्या देवी अकेली है। उनकी कोई संतान नहीं है, ऊपर से उनका मकान टूट गया है। उनका कहना है कि अगली बारिश में तो मैं इसके नीचे दब कर मर जाऊंगी।
कौशल्या ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि लॉकडाउन के चलते हमारा काम बंद पड़ा है। कई दिनों से रेहड़ी नहीं लगी है, ऊपर से घर गिर गया है। अगली बारिश में मेरा बचना मुश्किल है। कौशल्या ने प्रशासन से अपील है कि मुझे घर दिया जाए। कौशल्या ने समाजसेवी बंसीलाल का धन्यवाद किया है, जिन्होंने उसे राहत सामग्री प्रदान की है।
नगर पंचायत अध्यक्ष बंसी लाल ने कहा कि मुझे जैसे ही इस बारे में पता चला ऐसे में मुझसे जो सहायता हुई वह मैंने की। आगे प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी, इनको घर दिलवाने की पूरी कोशिश होगी।