अमित सूद। जोगिंद्रनगर
मंडी के जिलाधीश के तबादले की जब से बात चली है तब से उन्होंने लगता है जिला मंडी को लावारिस छोड़ दिया है। आज जिला मंडी में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 से अधिक आ रही है, परंतु जिलाधीश कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रहे हैं।
मंडी जिले की जनता को ऐसे हालात पर भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। यह आरोप नगर परिषद जोगिंद्रनगर के उपाध्यक्ष अजय धरवाल ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना संक्रमितों की सूची आशा वर्करों व स्थानीय ग्राम पंचायतों व शहरी निकायों को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है।
जोगिंद्रनगर उपमंडल में भी इस प्रकार की भयावह स्थिति है। सिविल अस्पताल में जहां कोरोना के टीकाकरण की दवाई समाप्त है, वहीं पिछले एक सप्ताह में 3 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु होने पर प्रशासन के द्वारा उनके परिजनों की कोई आवश्यक मदद नहीं की गई।
इतना ही नहीं इन तीनों ही कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किसी भी अधिकारी ने मौजूद रहना सही नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात है कि अपने ही घरों में जिन कोरोना संक्रमितों को रखा गया है, उनको न ही ऑक्सोमीटर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, न ही कोरोना संक्रमितों को उनके घर-द्वार आवश्यक दवाई पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने बढ़ते कोरोना के मामलों को रोकने के लेकर कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई है।