जोगिंदर नगर : अमित सूद।
नगर परिषद पूर्व उपाध्यक्ष व नप पार्षद अजय धरवाल ने जारी ब्यान में कहा कि कांग्रेस शाषित नगर परिषद ने जहां विकास कार्यों को गति प्रदान की है वहीं अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि गांधी वाटिका के नव निर्माण में भी भाजपा सरकार के चेहते ठेकेदारों को नियमों के विपरित जा कर कार्य आबंटित किया जा रहा था। जहाँ प्रदेश सरकार के द्वारा पांच लाख से ऊपर के विकास कार्य के टेंडर को ऑनलाइन करने के आदेश जारी किए थे वहीं तब के कार्यकारी अधिकारी ने भाजपा पार्षदों के साथ मिल कर ऑफ लाइन टेंडर आबंटित करने का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया था । जब कि इस बारे उस समय न नगर परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष उक्त कार्य के ऑफ लाइन टेंडर करने बारे अवगत करवाया गया न ही उक्त टेंडर को खोलती बार उस टेंडर कमेटी में शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि गांधी वाटिका से संबंधित टेंडर को सरकार के नियमों के विपरीत व अपने चेहतों को चोरी छिपे आबंटित करने का प्रयास किया गया। जिस से की इस कार्य में बड़ा भ्रष्टाचार होने की संभावना थी। इसी लिए जब उन्हें उस समय इस बारे जानकारी मिली व उनके द्वारा सारे तथ्य देखे तो मजबूरन उन्हें इस कार्य को तत्कालिक उपमंडलाधिकारी को पत्र लिख कर रुकवाना पड़ा। तब के उपमंडलाधिकारी ने तथ्यों को सही मान कर ही इस गलत ,नियमों के विपरीत आबंटित किये गए कार्य को जानकारी जुटा कर रद्द करने के आदेश दिए थे। कांग्रेस शाषित नगर परिषद ने उस समय भी गांधी वाटिका के नव निर्माण का अपनी पहली प्रेस वार्ता में करवाने को लेकर कहा था तथा आज भी गांधी वाटिका के नव निर्माण के पक्ष में है।
लेकिन भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि इसी गाँधी वाटिका के टेंडर को अपने चहेते ठेकेदारों को आबंटित करने के लिए भाजपा नेताओं ने अपने पार्षदों के माध्यम से कांग्रेस शाषित नगर परिषद को बदला है ओर अपने आप कोई पद न लेते हुए आजाद पार्षद व कांग्रेस के बागी पार्षद को अध्यक्ष , उपाध्यक्ष का पद सौंप कर समझौता किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कौन कौन भाजपा नेता मलाई खाने वाला है उसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा।