शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश का बड़ा प्रयास सालों बाद सफल हो गया है। ब्रिक्स न्यू डेवेलपमेंट बैंक ने हिमाचल प्रदेश के लिए पहली बार 755 करोड़ के प्रोजेक्ट मंजूर करने के बाद इसका पैसा जारी करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। अब जितना पैसा राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट पर खर्च करेगी, उतनी राशि न्यू डेवेलपमेंट बैंक रीइंबर्स करेगी।
इससे हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में नई पेयजल जलापूर्ति की परियोजनाएं बनाई जाएंगी। यह प्रोजेक्ट 80:20 के अनुपात में हिमाचल को मिला है, जिसमें हिमाचल सरकार को 20 फीसदी राशि देनी होगी और 80 फीसदी राशि न्यू डेवेलपमेंट बैंक से मिलेगी। बैंक द्वारा 755 करोड़ की अप्रूवल दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि जारी भी कर दी है। इससे प्रोजेक्ट पर पहले चरण का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना को तीन साल में पूरा किए जाने का टार्गेट है।
बता दें कि सालों पहले जल शक्ति विभाग ने ब्रिक्स बैंक को प्रोजेक्ट भेजा था, लेकिन लंबी औपचारिकताओं के चलते इसको मंजूरी पिछले दिनों में मिली थी। इस पर बाकायदा समझौता हुआ था और एग्रीमेंट के बाद अब 755 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इस अप्रूवल का इंतजार किया जा रहा था, जो मिल चुकी है। इसके बाद अब जल शक्ति विभाग ने अपना काम शुरू कर दिया है।
- 18 पैकेज में 24 नई जलापूर्ति स्कीमें बनाएगा जल शक्ति विभाग
- न्यू डेवेलपमेंट बैंक 80 तो सरकार देगी 20 फीसदी राशि
- हिमाचल सरकार ने जारी किए 50 करोड़ रुपये
पहले चरण में बनाए हैं 18 पैकेज
प्रोजेक्ट के तहत यहां पर 18 पैकेज पहले चरण में बनाए गए हैं, जिसमें कुल 24 नई जलापूर्ति स्कीमों को रखा गया है। इन स्कीमों से कई इलाकों की पेयजल व्यवस्था में सुधार आएगा और लोगों को ज्यादा पानी मिल सकेगा। यहां सालों पुरानी स्कीमों पर अब निर्भरता नहीं रहेगी, जिसकी वजह से लोगों को खासतौर पर गर्मियों के दिनों में पेयजल की किल्लत महसूस करनी पड़ती है।
नई जल आपूर्ति स्कीमें तैयार करने की योजना
जिन क्षेत्रों के लिए नई जलापूर्ति स्कीमें इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में तैयार करने की योजना है, उनमें डलहौजी का भटियात, बड़सर, अर्की, सोलन, रामशहर, नारग, सुंदरनगर का कांगू, शिलाई, पांवटा का ट्रांसगिरी क्षेत्र, चैलचौक, श्रीनैणादेवी जी का स्वारघाट, नगरोटा सूरियां, सुलह, भवारना, नगरोटा बगवां व दं्रग के साथ कुछ अन्य क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में नई स्कीम से पेयजल की किल्लत दूर हो जाएगी।