- प्राइमरी स्कूलों की हालत सुधारेगी ग्रामीण आदर्श विद्यालय योजना
- गांव के स्कूलों को शहरों की तर्ज पर मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
- मनरेगा की शेल्फ लाइफ में डाला जाएगा अब स्कूलों का काम भी
रोहित शर्मा। शिमला
प्रदेश के सभी विकास खंडों के बीडीओ को अब प्राइमरी स्कूलों की खस्ताहालात सुधारने की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर बीडीओ को अब कम से कम 2 स्कूलों को गोद लेना होगा। बीडीओ को इन स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करना होगा। शहर के स्कूलों की तर्ज पर इन स्कूलों में भी छात्रों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि गांव के प्राइमरी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और प्राइमरी स्कूलों की हालत में सुधार किया जा सके।
प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है। योजना को नाम दिया गया है ग्रामीण आदर्श विद्यालय योजना। इस योजना की घोषणा 26 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान सरकार की ओर से की जानी है। ग्रामीण आदर्श योजना के लिए ग्रामीण विकास विभाग की ओर से वर्किंग प्लान तैयार कर दिया गया है। प्रदेश के सभी विकास खंडों में बीडीओ दो वर्ष के अंदर-अंदर कम से कम 2 स्कूलों को गोद लेंगे।
इस योजना के तहत सरकार ने मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, राज्य वित्तायोग, 15वें वित्त आयोग और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर दो सालों में 100 ग्रामीण आदर्श विद्यालय में स्थापित किए जाने का लक्ष्य रखा है। 100 प्राइमरी स्कूलों को ग्रामीण आदर्श विद्यालय बनाने के लिए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, वित्त आयोग, शिक्षा विभाग के साथ अन्य विभाग मिलकर धनराशि व्यय करेंगे। योजना में यह प्रावधान किया गया है कि आदर्श विद्यालय बन जाने के बाद इन स्कूलों को शिक्षा विभाग के लिए हस्तांतरित किया जाएगा। 2 सालों के बाद इन स्कूलों के रख रखाव की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
यह प्रकिया अपनाई जाएगी
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना के तहत प्राइमरी स्कूलों को गोद लेकर उन्हें मनरेगा की शैल्फ लाइफ में डाला जाएगा। इन्हें ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। इन स्कूलों में सुविधाएं मुहैया अपनाने के लिए वहीं प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो मनरेगा से संबंधित योजनाओं में अपनाई जाती है। योजना के अंतर्गत निर्मित ऑदर्श विद्यालयों के लिए तकनीकी जानकारी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और तकनीकी सहायक द्वारा दी जाएगी। यह अधिकारी समय-समय पर इन स्कूलों का निरीक्षण भी करेंगे।
स्कूलों में ये मिलेंगी सुविधाएं
- स्कूल भवन/ मरम्मत कार्य
- खेल का मैदान द्य पीने के पानी की सुविधा द्य सुरक्षा दीवार द्य स्मार्ट क्लासरूम किड्स लाइबे्ररी के साथ
- शौचालय द्य किचन शेड द्य बाल वाटिका उद्यान द्य कूड़ेदान/ कंपोस्ट पिट
ग्रामीण विकास विभाग ने प्राइमरी स्कूलों की हालात में सुधार करने के लिए योजना तैयार की है। इस योजना के तहत सभी विकास खंडों से बीडीओ 2 स्कूलों को गोद लेंगे। 2 सालों के अंदर-अंदर इन स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने का काम किया जाएगा।
-अनिल शर्मा, अतिरिक्त
निदेशक, ग्रामीण विकास विभाग