रमेश शर्मा। रामपुर बुशहर
इस क्षेत्र की सतलुज घाटी में मनाए जाने वाला बी मां पूजन का अनूठा पर्व संपन्न हो गया। इस क्षेत्र के सतलुज घाटी के खंड रामपुर, निरमंड कुमारसैन व आनी क्षेत्र में ब्राह्मण महिलाएं कन्या बी मां पूजन का पर्व 16 दिन तक करती हैं, जो सोमवार शाम को पूजा विसर्जन के बाद संपन्न हो गया।
यह पर्व ज्येष्ठ मास के पहले रविवार से प्रारंभ होता है। इस अवसर पर बी मां की काष्ठ की बनी लगभग 18 गुणा 12 इंच की एक पटरी है, जिस पर देवी-देवता ब्रह्मा, विष्णु, महेश, पेड़-पौधे, गाय, सांप, पशु-पक्षी, चार रविवार, 12 अमावस्या से 4 पानी की बावड़ियों के चित्र उकेरे गए हैं।
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित इतिहासविद दीपक शर्मा ने बताया कि पर्व के प्रथम दिन महिलाएं शृंगार सहित इस पटरी को पानी से नहलाकर पूजा-अर्चना करके स्थापित करती हैं। पर्व के दौरान पूरे 16 दिन उपवासित रहकर धूप, अक्षत, पुष्प और ऋतु फल द्वारा इसकी विधिवत पूजा की जाती है।
पर्व के दौरान प्रतिदिन एक नीति कथा का वाचन व श्रवण चलता है। उन्होंने बताया कि 16वें दिन शाम के समय महिलाएं टुकड़ों में सिर पर पीली ओढ़नी ओढ़ कर शृंगार करके पटरी को हथेली पर लेकर मंगल गीत गाती हुई जल स्रोत की ओर जाती हैं।
यहां पर 16 दिनों के बी मां पर अर्पित सामग्री पुष्प को जल में विसर्जित किया जाता है। विदाई समारोह में घी के बने आटे के लड्डू बच्चों में बांटे जाते हैं।