शकील कुरैशी। शिमला:
हिमाचल प्रदेश का दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल दीपावली पर सिर्फ दीपों से ही नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा से भी जगमगाएगा। अब तक अंधेरे में दिन काट रहे यहां के लोग बिजली की रोशनी में रह सकेंगे। सरकार ने तीन महीने पहले यहां पर बिजली लाने का एलान किया था और रविवार को मौसम की अनुकूलता पर सरकारी हेलिकॉप्टर से यहां के लिए सौर ऊर्जा के पैनल भेजे जा रहे हैं ताकि यहां का हर घर रोशन हो सके। बता दें कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र पांगी के बाद अब बड़ा भंगाल में सौर ऊर्जा के पैनल भेजे जा रहे हैं। हेलिकॉप्टर मार्ग से यहां पर 168 पैनल पहुंचाए जा रहे हैं। 250 किलोवाट क्षमता के ये सोलर पैनल ऑफ ग्रिड हैं, जिनके साथ बैटरी बैकअप भी है। इस बैटरी की वारंटी 5 साल की है। जानकारी के मुताबिक बड़ा भंगाल में 168 घर हैं।
हिमऊर्जा को जिम्मा
प्रदेश सरकार की एजेंसी हिमऊर्जा बड़ा भंगाल को रोशन करने जा रही है। वहां पर उजाला करने के लिए पिछले दिनों एलान किया गया था। वहां पर स्थानीय प्रशासन की टीमें गईं, जिनके अलावा बिजली विभाग के अधिकारी गए। वहां के लोगों को भरोसा दिलाया गया था कि उनके घरों में सर्दियों से पहले उजाला हो जाएगा।
पहली नवंबर से यहां जाने वाला रास्ता हो जाएगा बंद
हिमाचल प्रदेश को ऊर्जा राज्य माना जाता है लेकिन ये दुखदाई बात है कि बड़ा भंगाल के लोग सालभर अंधेरे में रहते हैं। खासकर सर्दियों में यहां का मार्ग ही बंद हो जाता है। पहली नवंबर से यहां का रास्ता बंद हो जाएगा। यही वजह है कि सरकार नवंबर से पहले वहां पर सोलर पैनल भेजने का प्रबंध कर रही है। इसके लिए सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। यहां बिजली का कुछ सामान पहले ही खच्चरों पर लादकर भेजा जा चुका है। बताया जाता है कि प्रदेश सरकार ने 60 लाख रुपये की राशि से यहां के लिए सौर ऊर्जा का प्रबंध किया है।
हर घर में लगेगा एक-एक सोलर पैनल
यहां के हर घर में एक-एक सोलर पैनल लगेगा। इससे घर में 4 टयूब के साथ एक टीवी भी चलेगा। वहीं, फोन भी चार्ज कर सकेंगे। लोग इस पैनल का इस्तेमाल छोटे-छोटे कामों के लिए कर सकेंगे, जिससे उनका जीवन ही बदल जाएगा।
अंधेरे में नहीं कटेंगी ये सर्दियां
प्रदेश के दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों को सौर ऊर्जा से जोडऩे के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से भी दुर्गम एरिया के लिए ऐसे पैनल लाए जा रहे हैं जो कि ऑफ ग्रिड हैं। इसे ग्रिड से जोडऩे की जरूरत नहीं होती। जो बिजली सूरज की रोशनी से पैदा होती है, उसका उपयोग संबंधित घर में ही किया जा सकता है। ऐसे में इन सर्दियों में यहां के लोगों को सूर्य की रोशनी का बड़ा सहारा मिलने जा रहा है।
दुर्गम एरिया को रोशन करने के लिए सरकार ने पहले से सोच रखा था। इसके लिए प्रयास किए गए और रविवार को वहां पैनल पहुंचाकर घरों को जगमगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से बड़ा भंगाल के लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा। प्रदेश में कई दूसरे दुर्गम क्षेत्र भी हैं, जहां पर सौर ऊर्जा पहुंचाने को लेकर योजनाएं बनी हैं।
– रूपाली ठाकुर
सीईओ, हिमऊर्जा