पुनीत वर्मा। सोलन :
केंद्रीय खेल व सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा की देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में साइंटिफिक अप्रोच से नेशनल साइंटिफिक सेंटर खोलने की योजना है। साइंटिफिक तरीके से खेलों को बढ़ावा देंगे तो खेलों का अधिक विकास होगा। साथ ही आने वाले दिनों में यह उपयोगी सिद्ध होगा।
अनुराग ठाकुर सोलन के टीटीआर परवाणू में हिमाचल प्रदेश ओलंपिक संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की मोदी सरकार देश में सभी खेलों को बढावा देना चाहती है। वे खुद सभी खेलों को बारीकी से देखते हैं। यही वजह है की आने वाले ओलिंपिक में देश में मेडल आने की संख्या बढ़े इसके लिए अभी से आधार बनाए जाएंगे। उन्होंने इच्छा जताई की हिमाचल मॉडल स्पोट्र्स के लिए सिस्टम तैयार करें। छोटे, मंझले और कुछ बड़े स्टेडियम बनाए जाएं, जहां स्पोट्र्स के बड़े आयोजन हो सकें।
उन्होंने कहा की 30 नवंबर से पहले हिमाचल का रोडमैप तैयार करना होगा, ताकि अगले 3 से 5 वर्ष के बीच कार्य पूरा हो। उन्होंने इस दौरान यह भी एलान किया कि प्रदेश के भीतर अगले पांच साल में कोई भी ब्लॉक नहीं छूटेगा, जहां स्पोर्ट्स की हर सुविधा मुहैया न हो।
संघों पर बैठे मठाधीशों की होगी जवाबदेही
अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेल संघों की अब जबावदेही तय होगी। खेल संघों को खेलों में परफॉर्मेंस के आधार पर ही फंडिंग की जाएगी। मठाधीश खिलाडिय़ों से फीडबैक नहीं लेते, ऐसी छवि खेलों के लिए अच्छी नहीं है। प्रदेश के सभी खेल संघों को 12 साल का रोडमैप तैयार करने का टार्गेट सेट किया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा 2032 में होने वाले ओलिंपिक खेलों में भारत की ओर पदक जीतने वालों में हिमाचल के खिलाड़ी अधिक हो, इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी। प्रदेश के अलग-अलग खेल संघों के जितने अध्यक्ष व महासचिव इस कार्यक्रम में बैठे हैं वे आज से ही कमर कस लें। जो वर्षों से खेल संघों में बैठे हैं, उन्होंने आज तक क्या किया है, उस पर चर्चा करने की जरूरत है।
खेल नीतियों में खिलाड़ियों की फीडबैक जरूरी
खेल नीतियां बनाने में खिलाड़ियों की फीडबैक जरूरी है। अुनराग ठाकुर ने हिमाचल ओलिंपिक संघ से कहा कि यदि भविष्य में मुझे खेल मंत्री के नाते इस प्रकार के कार्यक्रम में बुलाएंगे तो मैं चाहूंगा, वहां पर खेल संघ के लोग और राज्य के अधिकारी हो और वहां खुली चर्चा हो कि किन- किन खेलों को आगे बढऩा है और अन्य खेलों को भी उतना ही अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जब तक खेलों को लेकर खुली चर्चा नहीं होगी और खिलाडिय़ों को फीडबैक नहीं लिया जाएगा, तब तक खेलों में सुधार नहीं होगा।
निष्पक्षता से होना चाहिए टीम का चयन
टीम का चयन निष्पक्षता से होना चाहिए। टीम के साथ रिश्तेदार नहीं जाएंगे। हमें इस मोहमाया से बाहर आना होगा। जब तक हम इससे बाहर नहीं आएंगे तब तक खेलों में सुधार नहीं होगा। इस मौके पर भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा, महासचिव राजीव मेहता, प्रदेश ओलिंपिक संघ के नवनियुक्त अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, ओलिंपिक संघ के संयुक्त सचिव देवीदत्त तनवर सहित खेल संघों के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।