जोगिंदर नगर : अमित सूद।
ग्राम पंचायत मैन-भरोला के उप प्रधान संजय जम्वाल ने केंद्र सरकार से मनरेगा मज़दूरों की मजदूरी का जल्द भुगतान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में सरकार मनरेगा मज़दूरों की मजदूरी का भुगतान नही कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन- चार महीने बीत जाने के बाद भी मज़दूरी का भुगतान नही हो पाया है। कई मजदूर तो काम करने के बाद जुलाई महीने से ही अपनी दिहाड़ी के पैसे मिलने का इंतज़ार कर रहें है । दरअसल इस हालत के लिए जिम्मेवार ही केंद्र सरकार है ।
इस बार स्तिथि ज्यादा गंभीर है क्योंकि केंद्र की प्रमुख ग्रामीण रोजगार योजना ‘मनरेगा’ के लिए आबंटित बजट अक्टूबर महीने में ही ख़त्म हो गया है । सरकार की अपनी बजट स्टेटमेंट के अनुसार 29 अक्टूबर के दिन मनरेगा में 8686 करोड़ रूपये का नेगेटिव बकाया दिखाया गया यह हालात पैदा हुए है भाजपा सरकार की मनरेगा को ख़त्म करने की नीति के चलते।
सामान्य स्तिथि में भी ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन से गरीबी कम करने में मनरेगा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसकी स्वीकृति सरकार की अलग अलग रिपोर्ट में भी मिलती है। लेकिन कोरोना जैसी महामारी के संकट में, जब लोगो के पास काम नहीं और खाने के लिए अन्न की कमीं है, मनरेगा की भूमिका बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास बड़े पूंजीपतियों को उनके मुनाफे बढाने के लिए रियायते देने के लिए पर्याप्त धन है परन्तु ग्रामीण भारत में करोड़ो लोगो को रोजी मुहेया करवाने बाली मनरेगा के लिए उसके खजाने बंद है ।