शकील कुरैशी: शिमला
कांग्रेस की नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी को भी चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में चेहरा सिर्फ कांग्रेस ही होगी और कोई नहीं। संगठन के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं और सबसे बड़ी चुनौती एकजुटता है जिसके लिए वह सभी बड़े नेताओं से बातचीत करेंगी। उन्होंने कहा कि वह सबसे जूनियर हैं लिहाजा बड़े नेताओं का साथ उन्हें चाहिए जिससे कांग्रेस का वर्चस्व कायम रखा जा सके। हिमाचल दस्तक से प्रतिभा सिंह ने विशेष बातचीत की।
संगठन की चुनौतियों से आप कैसे पार पाएंगी?
सभी को साथ लेकर चलना हमारे परिवार की नीति रही है। बिना सभी के सहयोग के आगे नहीं बढ़ा जा सकता। इसलिए पूरा प्रयास रहेगा कि पार्टी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरे और इसी वजह से पार्टी ने मुझे दायित्व दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह के विकास मॉडल के नाम पर यह चुनाव लड़ा जाएगा। अभी जरूरी यह है कि कांग्रेस को सत्ता में कैसे लाया जाए, इस पर काम किया जाएगा। मैं सबसे जूनियर हूं, सभी वरिष्ठजन का सहयोग जरूर मिलेगा।
मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा?
चुनाव सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस लड़ेगी जिसमें कोई भी चेहरा नहीं होगा। बाद में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा यह तय करना पार्टी हाईकमान का काम है। वीरभद्र सिंह की तरह न तो कोई नेता प्रदेश में हुआ है और न ही होगा। वह एक ऐसे नेता थे जो अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रदेश की 68 सीटों पर प्रचार के लिए जाते थे। अपना विस हल्का वह जनता के सुपुर्द करते थे। ऐसा नेता मुझे नहीं लगता कि कोई है।
तो क्या आप भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी?
मुझे पार्टी ने चुनाव लड़वाने का काम सौंपा है इसलिए मैं चुनाव नहीं लडूंगी बल्कि दूसरों के लिए प्रचार करूंगी। पार्टी ने जो दायित्व दिया है उसे बखूबी निभाया जाएगा।
बिना वीरभद्र कांग्रेस कहां स्टैंड करती है?
कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल है और भारत को आजादी दिलाने में कांग्रेस का सबसे महत्वपूर्ण रोल रहा है। ये ठीक बात है कि हिमाचल में वीरभद्र सिंह के नाम से ही कांग्रेस चलती रही है, लेकिन वीरभद्र सिंह ने हमेशा पार्टी को खुद से ऊपर माना है। यही वजह है कि पार्टी हाईकमान ने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी यहां पर सौंपी है। वीरभद्र सिंह के जैसा कोई नेता न प्रदेश में रहा है और न ही होगा।
भाजपा के साथ किन मुद्दों पर लड़ेंगी?
आम जनता महंगाई से त्रस्त है। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जनता को परेशान करने में भाजपा की सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश में भाजपा की सरकार ने पिछले साढ़े ४ सालों में कोई विकास नहीं किया। जनता को झूठे दिलासे दिए हैं। यही वजह है कि उपचुनाव में भी उनकी हार हुई और आगे भी होगी।
संगठन में कोई बदलाव होगा या नहीं?
यह चुनावी वर्ष है, संगठन में बदलाव का समय नहीं। पार्टी आलाकमान ने कई नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी हंै। सभी पदाधिकारियों, वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। यदि किसी का कोई सुझाव होगा और कहीं बदलाव की गुंजाइश होगी तो उस पर विचार किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी को कैसे देखती हैं?
आम आदमी पार्टी का हिमाचल में कोई जनाधार नहीं है। पंजाब में उन्होंने जीत हासिल की है लेकिन वहां पर वह पिछले 12 सालों से काम कर रही थी। पंजाब की परिस्थितियां भिन्न थी। केजरीवाल व भगवंत मान प्रदेश के कितने भी चक्कर लगा लें यहां पर जीत कांग्रेस की ही होगी।