- पैंशनरों की 91 नामों वाली जेसीसी पर विवाद
- सालों से संघर्ष करने वाले सूची से बाहर
- बैठक का टीए, डीए भी विभाग से लेना होगा
- एकमुश्त एरियर चाहते हैं सेवानिवृत कर्मचारी
विशेष संवाददाता। शिमला
प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत कर्मचारियों को खुश करने के लिए जेसीसी का गठन तो कर दिया मगर इस 91 नामों वाली जेसीसी पर विवाद खड़ा हो गया है। सालों से पैंशनरों के हकों की लड़ाई लडऩे वालों को इस सूची से बाहर रखा गया है। मनमर्जी से प्रतिनिधियों को इसमें शामिल करने के आरोप लगने लगे हैं।
31 अगस्त को पैंशनरों की जेसीसी बैठक सचिवालय में होने जा रही है जिसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। मगर बड़ी बात है कि इसमें साफ लिखा है कि जो गैर सरकारी सदस्य इसमें शामिल किए गए हैं उनको बैठक में आने का टीए-डीए उनके संबंधित महकमों से लेना होगा। ऐसा भी पहली बार देखने को मिला है कि यहां पर जो लोग आएंगे वह अपने-अपने विभागों से इसे क्लेम करेंगे। वैसे जेसीसी बैठक में आने वालों को जीएडी विभाग पेमेंट करता था मगर इस बार ऐसा ना करके नया प्रावधान डाल दिया गया है। इससे भी पेंशनरों में नाराजगी है।
हिमाचल प्रदेश पैंशनर वैल्फेयर एसोसिएशन का कहना है कि उनके प्रतिनिधियों को इसमें तवज्जो नहीं दी गई जिनके राज्य के प्रतिनिधि और जिलों के प्रतिनिधियों के नाम काट दिए हैं। इससे पैंशनरों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।
इनके प्रधान आत्मा राम शर्मा का कहना है कि उनका संघ लगातार डिमांडें उठा रहा है और सरकार से लंबी लड़ाई उन्होंने लड़ी है मगर उनके प्रतिनिधियों को ही बाहर कर दिया गया है।
बताया जाता है कि इसमें सभी विभागों से सेवानिवृत लोगों को रखा गया है जिसमें एसोसिएशन को तरजीह नहीं दी गई है। इन्होंने 20 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा है जिसपर वित्त विभाग नेु अपनी तरह से कार्रवाई शुरू कर दी है।
ये है मांगपत्र
सेवानिवृत कर्मचारियों की मांगों की बात करें तो 65 साल 70 साल व 75 साल में यह लोग 5-10 व 15 फीसदी की बेसिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। अभी तक सरकार अलाउंस देती है जोकि ओल्ड पेंशन पर दिया जा रहा है। इसे भी यह लोग रिवाइज्ड पेंशन से देने की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2016 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी, लीव इनकेशमेंट की बहाली भी इसमें शामिल है। यह चाहते हैं कि उनको लमसम राशि एकमुश्त अदा की जाए। इसके साथ दो साल के बाद तीर्थ पर जाने के लिए पंजाब की तर्ज पर एक महीने की बेसिक पे दी जाए वहीं आंखों के ऑपरेशन या फिर सुनने के लिए लगाई जाने वाली मशीन की खरीद के लिए 7 हजार की जगह 20 हजार रूपए की राशि दी जाए। इसके अलावा वर्ष 2016 से पहले के सेवानिवृत कर्मियों को एकमुश्त एरियर दिया जाए जोकि अनुमानित 70 हजार से एक लाख रूपए तक प्रत्येक का बनेगा। बहरहाल 20 सूत्रीय मांगपत्र में से कितनी मांगें पूरी होती हैं यह देखना होगा। यहां विभागीय स्तर की मांगों को भी उठाया जाएगा। जेसीसी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी है, अब देखना होगा कि सीएम इसमें मौजूद रहेंगे या नहीं।