स्वारघाट। राजेन्द्र ठाकुर
कोरोनाकाल के चलते बन्द पड़े बाजारों से घुमंतू भैंसपालक गुज्जरों को भी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। गुज्जरों के अनुसार बाजारों में चहल -पहल रहने से पहले जहां वह अपना हजारों लीटर दूध प्रतिदिन बाजार में बेच दिया करते थे तो वहीं कोरोना कर्फ्यू के चलते अब इस हजारों लीटर दूध की खपत करना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। गुज्जरों की माने तो मजबूरी में अब इस दूध को उन्हें अपने पशुओं को ही पिलाना पड़ रहा है।गुज्जरों का कहना है कि दूध बेचना ही उनका एकमात्र रोजगार है जिसपर भी अब संकट के बादल मंडराने लगे है। घुमन्तू गुज्जर कहते हैं कि कोरोना कर्फ्यू के चलते बाजार में पसरे इस सन्नाटे ने उनकी रोजी रोटी को भी प्रभावित किया है।इनका कहना है कि कोरोना कर्फ्यू की वजह से गुज़ारा करना बहुत मुश्किल हो गया है।