प्रतिमा चौहान : शिमला
राज्य सरकार ने कर्मचारियों के चुनाव लडऩे पर पर बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल कार्मिक विभाग की तरफ से विभागों को ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है। इसके तहत एफिलिएटिड किसी भी स्पोट्र्स एसोसिएशन या फेडरेशन में चुनाव लडऩे से पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इस मेमोरेंडम में कहा गया है कि इस तरह के दिशा निर्देश केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए हैं। कार्मिक मंत्रालय के वर्ष 2017 के आदेशों में कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी चार या पांच साल से अधिक या एक टर्म जो इससे कम हो, बिना अनुमति के चुनाव नहीं लड़ सकता है। जब तक कर्मचारी विभाग में कार्यरत होगा, उसे अपना पूरा समय सरकारी सेवाओं में ही देना होगा। यदि बिना अनुमति के कोई भी कर्मचारी चुनाव लड़ता है तो सर्विस कंडक्ट रूल का उल्लंघन मानते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसमें स्पष्ट किया गयाहै कि सभी नियमों एवं शर्तों को ध्यान में रखते हुए ही कर्मचारियों को अनुमति प्रदान की जाए। कर्मचारियों के अनुमति से संबंधित मामलों की समय-समय पर समीक्षा करें कि कमचारी कहीं इन नियमों एवं शर्तों की उल्लंघना तो नहीं कर रहा है। गौर हो कि हिमाचल में बहुत कर्मचारी नेता हैं। कई विभागों में ऐसे भी कर्मचारी नेता हैं, जो रिटायरमेंट तक एसोसिएशन का अध्यक्ष बने होते हैं। इससे सरकारी विभाग का कार्य सफर होता है। यही वजह है कि सरकार ने पहली बार कर्मचारियों के उपर इतना बड़ा कंडक्ट रूल लागू किया है।
राज्य सरकार ने यह भी आदेश कर्मचारी नेताओं को जारी किए है कि वो अगर इलेक्ट होने के बाद वो कहीं व्यस्त होते हैं, तो ऐसे उक्त कर्मचारी को दूसरे कर्मचारियों को अपने का जिम्मा सौंपना होगा ताकि किसी भी तरह का कोई सरकारी कार्य में बाधा न आए। फिलहाल कर्मचारी नेताओं में यह नियम सही मायने में लागू होते है, या नहीं यह आने वाला समय बताएगा। यह तो तय है कि अब कर्मचारी नेता सरकार की राडार में आ चुके हैं। ऐसे कर्मचारी नेताओं पर अब सरकार की नजर रहेगी, जो बार बार एसोसिएशन का
अध्यक्ष होने के नाते कई दिनों की छुट्टियां लेकर गायब रहते थे।
शिक्षक नेताओं पर भी रहेगी नजर
इसी तरह शिक्षा विभाग की माने तो सरकार के इन आदेशों को जल्द शिक्षक संगठनों के ऊपर भी लागू किया जाएगा ताकि शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों में भी रिटायरमेंट तक एक ही शिक्षक नेता न बना रहे।