- मुख्य सचिव राम सुभग ने सूखे के हालात पर की समीक्षा
- स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी को निर्देश कैबिनेट में बताएंगे सूरत-ए-हाल
- माइनस 93 फीसदी हुई बारिश, मई में भी हालात खराब रहने का अंदेशा
शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश में सूखे के कारण लगातार बिगड़ रहे हालातों पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वह केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग करेगी। हालांकि अभी मामला कैबिनेट के ध्यान में लाया जाएगा, लेकिन इससे पहले स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी (एसईसी) को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कह दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को सूखे के हालात पर समीक्षा की गई, जिसमें कृषि, बागवानी, जलशक्ति व आपदा प्रबंधन के अधिकारी मौजूद रहे। सभी एजेंसियों के साथ हुई चर्चा में सामने आया है कि हिमाचल में सूखे जैसे हालात हो चुके हैं।
क्योंकि अप्रैल में बारिश केवल माइनस 93 फीसदी हुई है, जोकि बहुत कम है। ऐसे में खेतों व बागीचों में अब नमी नहीं बची है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं आने वाले मई महीने में भी यहां पर बारिश के आसार नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार से राहत लेने की तैयारी करने को कहा है।
इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि बागवानी क्षेत्र को करीब 25 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। सेब की फसल पर संकट के बादल हैं क्योंकि नमी नहीं होने के कारण फल झडऩे शुरू हो चुके हैं। इसी तरह से दूसरे फलों की भी यही स्थिति है, वहीं कृषि महकमे ने भी किसानों को हुए बड़े नुकसान की जानकारी यहां पर दी है। सभी जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट आई थी और उस रिपोर्ट को भी बैठक में सामने रखा गया है।
इसके साथ जल शक्ति महकमे ने भी बताया है कि 506 पेयजल स्कीमें प्रभावित हो चुकी हैं, जिनमें फिलहाल पानी की उपलब्धता न के बराबर है। ऐसे में आने वाले दिनों में संकट और ज्यादा बढ़ सकता है इसकी पूरी संभावना है। समीक्षा के बाद अब एग्जीक्यूटिव कमेटी अपना प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसे कैबिनेट को भेजा जाएगा। कैबिनेट में विस्तार से इस पर चर्चा के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को राहत पैकेज के लिए भेजा जाएगा।
किसानों व बागवानों के लिए मुश्किल भरे हालात
केंद्र सरकार से कब तक कितनी राहत मिलेगी यह तो समय बताएगा, लेकिन अभी हालात किसानों व बागवानों के लिए मुश्किल भरे होने लगे हैं। वैसे भी केंद्र सरकार समय पर राहत नहीं दे पाती। चाहे प्राकृतिक आपदा की ही बात करें तो अब तक एक साल पहले से मांगी गई राहत के रूप में फूटी कौड़ी हिमाचल को नहीं मिली है। ऐसे में अब सूखे की स्थिति सिर पर है। पिछले साल भी ऐसे हालात बने थे, लेकिन मई महीने में अच्छी बारिश हो गई थी। इस बार मई महीने में भी यहां बारिश के आसार कम हैं। इसलिए परेशानी अब और बढऩे वाली है।