राजेंद्र ठाकुर। स्वारघाट
स्वारघाट के तहत आते गांव के किसानों ने सरकार से रेलवे लाइन के लिए अर्जित भूमि का उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब हर वस्तु के दाम बढ़े हैं, तो कृषि योग्य भूमि का रेट 54 फीसदी कम क्यों।
जानकारी के अनुसार उपमंडल स्वारघाट के तहत ग्राम पंचायत टाली के गांव टाली, भटेड़, दगडाहन आदि के किसानों के पांव तले जमीन उस समय सरकती नजर आने लगी जब रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आए भू-अर्जन अधिकारी ने उन्हें यह बताया कि उनकी जमीन का सर्कल रेट 901768 रुपये प्रति बीघा के हिसाब से दिया जाएगा।
उक्त गांव के किसानों को ये बात हजम नहीं हुई। गांव के किसानों ने किसान सदा राम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया। बैठक के बाद सदाराम ठाकुर ने बताया कि जिस जमीन का 31 मार्च 2021 तक सर्कल रेट 1953846 रुपये प्रति बीघा था, उसका सर्कल रेट 54 फीसदी से भी ज्यादा कम कैसे हो गया।
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जब एक साल से हर वस्तु के दाम 2 गुना बढ़े हैं तो जमीन के दाम कम क्यों हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि सरकार किसानों की करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के दाम देकर जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है, लेकिन क्षेत्र के लोग ये दमनकारी नीति कभी सहन नहीं करेंगे।
उक्त किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक सरकार फासीवाद तौर-तरीकों से बचे तथा जनता के दमन करने के रास्ते की ओर कदम न बढ़ाए। उन्होंने मांग की है कि अगर रेलवे को किसानों की भूमि का अधिग्रहण करना है तथा रेलवे लाइन निकलनी है तो पूर्व में निर्धारित सरकारी रेट के हिसाब से किसानों को 4 गुना मुआवजा दिया जाए वरना किसान अपनी जमीन नहीं देंगे। इस बैठक में क्षेत्र के 60 के लगभग किसानों ने भाग लिया।