- खुले में 50त्न क्षमता के साथ 300 लोग
- भीतर 100 लोग या 50 फीसदी क्षमता
- सभी कार्यक्रमों में 50 फीसदी गैदरिंग रहेगी
- एसेंशियल सर्विसेज के दफ्तर खुले रहेंगे
- आज सुबह से 24 जनवरी तक पाबंदियां लागू
- जारी रहेगा नाइट कफ्र्यू
शकील कुरैशी। शिमला
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बेकाबू होते हालातों को देखते हुए सरकार ने बंदिशों को और कड़ा कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में रविवार को बड़े फैसले लिए हैं। राज्य में एसेंशियल सर्विसेज के दफ्तरों को छोड़कर शेष सभी सरकारी दफ्तरों के लिए फाइव डे वीक कर दिया है। शनिवार व रविवार को अवकाश रहेगा। साथ ही पांच दिनों में भी 50 फीसदी क्षमता से ही कार्यालय चलेंगे। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में भी इस तरह के प्रावधान थे जिसे अब तीसरी लहर में भी लागू कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन सैल की स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार 10 जनवरी सुबह 6 बजे से पाबंदियां लागू होंगी जोकि 24 जनवरी सुबह 6 बजे तक चलेंगी। इसके बाद सरकार आगे फैसला लेगी।
सरकारी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग, फायर सर्विस, पुलिस सर्विस, बैंक, बिजली, पानी, परिवहन व एक्साइज डिपार्टमेंट के दफ्तर पहले की तरह चलते रहेंगे लेकिन यहां पर क्षमता निर्धारित होगी। सभी बोर्ड, निगम व स्वायत्त विभाग सरकारी आदेशों के दायरे में आएंगे वहीं उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालयों के साथ अपने स्तर पर आदेश जारी करेगा।
सरकार ने जिला प्रशासनों व स्थानीय प्रशासनों को अपने यहां पर दुकानों के खुलने व बंद करने के समय को खुद निर्धारित करने को कहा है। वे अपने यहां पर कोविड की स्थिति को देखकर निर्णय लेंगे। इसके लिए व्यापार मंडलों के साथ उनकी बैठक होगी और उसमें सहमति बनाई जाएगी। उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को तुरंत इन आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित बनाने को कहा गया है।
सामाजिक-धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी
प्रदेश सरकार ने सामाजिक व धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा अकादमिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनीतिक कार्यक्रम 50 फीसदी क्षमता के तहत हो सकेंगे। इनके लिए इंडोर में 50 फीसदी क्षमता और अधिकतम 100 लोगों की छूट दी गई है जबकि आउटडोर में भी अब 50 फीसदी क्षमता के साथ अधिकत्तम 300 लोगों को ही जुटने की इजाजत होगी। इसके साथ किसी भी आयोजन से पहले इजाजत लेनी जरूरी होगी। इसमें स्थानीय स्तर पर कोविड की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन निर्णय लेगा।
लंगर-धाम पर पूर्णतया रोक
सभी धार्मिक स्थलों, पूजा स्थलों में लंगर, सामुदायिक किचन, धाम पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने धाम पर प्रतिबंध को लेकर बड़ा फैसला लिया है जिससे कई लोगों के इरादों पर पानी फिर गया है। आने वाले 20 जनवरी के बाद शादियों के कई मुहुर्त थे।
मुख्यमंत्री ने सभी कार्यक्रम 15 जनवरी तक किए स्थगित
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। 15 जनवरी तक सीएम के सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित किया गया है। अब 15 जनवरी के बाद हालतों को देखते हुए दोबारा से कार्यक्रम बनेंगे लेकिन अभी इनकी संभावना कम नजर आ रही है। राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि लगातार हो रही है। काफी ज्यादा मामले प्रदेश में हो चुके हैं जिसको लेकर सरकार ने कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं।
इसी के चलते मुख्यमंत्री के निर्धारित सभी कार्यक्रम इस महीने की 15 तारीख तक स्थगित कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री का 10 जनवरी को सुलह निर्वाचन क्षेत्र के लिए 11 जनवरी को बड़सर, हमीरपुर और 12 जनवरी को नादौन निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों को भी रद कर दिया गया है। सुलह में सीएम की बड़ी जनसभा रखी गई थी जिसको लेकर सोशल मीडिया में खूब प्रचार भी हो रहा था। विपक्ष भी इसपर निशाना साध रहा था क्योंकि एक तरफ बंदिशें लग रही थीं तो दूसरी ओर सरकार की जनसभा का ढिंढोरा पीटा जा रहा था। इसलिए सरकार ने अपने कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया क्योंकि समाज में इससे कई तरह की भ्रांतियां फैल रही थीं। सीएम के कार्यक्रम रद किए जाने को लेकर सरकार की तरफ से बयान जारी किया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों को शीघ्र पुनर्निर्धारित किया जाएगा।
- कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के चलते लिया फैसला
- आज सुलह में होनी थी सीएम की जनसभा
स्कूल बंद, मगर 25 व 26 जनवरी के कार्यक्रम होंगे
शिमला। प्रदेश में सरकार ने 26 जनवरी तक स्कूलों को बंद रखे जाने के आदेश जारी किए हैं। अभी समर वेकेशन वाले स्कूल ही बंद रहेंगे क्योंकि विंटर स्कूलों में पहले से छुट्टियां हैं। मगर समर स्कूलों में भी वैक्सीनेशन का दौर तय शैड्यूल के अनुसार जारी रहेगा। 25 व 26 जनवरी के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भी अध्यापकों को स्कूल आना होगा। वहीं अध्यापक स्कूल आएंगे जो इन कार्यक्रमों से जुड़े होंगे। इनको भी कोविड के प्रोटोकॉल को अपनाना होगा।