अंकिता पंडित। शिमला
प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर जारी है परंतु प्रदेश सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए तमाम तरह की कोशिशें कर रही है, लेकिन जिन अस्पतालों में कोरेाना के मामले सामने आ रहे हैं, वहां की तस्वीर कुछ और ही स्थिति बयां कर रही है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में खुद कोरोना पॉजिटिव मरीज अपनी रिपोर्ट लेने पहुंच रहे हैं। जिससे कि प्रदेश सरकार सहित अस्पताल प्रशासन के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
गौर रहे कि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोविड सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट को ऑनलाइन ही मरीज को दे मैसेज के द्वारा दे दिया जाएगा। परंतु आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी आईजीएमसी में 4 दिनों बाद मिल रही है।
ऐसे में जो कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं वह भी अपनी रिपोर्ट खुद ही अस्पताल लेने आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें किसी भी प्रकार के मैसेज समय पर नहीं मिल रहे, जिससे कि कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा हो जाता है।
यही नहीं अस्पताल में मरीजों की लंबी लंबी लाइनें कोरोना की रिपोर्ट के लिए भी मरीजों की लग रही है। आईजीएमसी प्रशासन द्वारा कोविड रिपोर्ट लेने आने वाले लोगों के लिए अलग से भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। एक तरफ कोविड टैस्ट करवाने आने वालों के लिए लाइन लगी रहती है तो दूसरी तरफ रिपोर्ट लेने आने वाले लाइनों में खड़े होते हैं।
गौर रहे कि आईजीएमसी में रोजाना ही 20 से 25 मामले कोरोना मरीजों के आते हैं, जिसमें से 4 से 5 लोग फ्लू ओपीडी में ही पॉजीटिव पाए जाते हैं। वहीं फ्लू ओपीडी में भीड़ इतनी ज्यादा रहती है कि यदि टैस्ट करवाने आने वालों में से कोई व्यक्ति पॉजीटिव आता है तो संक्रमण का खतरा चार गुणा बढ़ जाता है।
अलग से किया जाए रिपोर्ट के लिए इंतजाम
कोविड रिपोर्ट लेने आने वाले लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन अलग से कोविड रिपोर्ट के लिए इंतजाम करे। जिससे कि कोविड टैस्ट करवाने आने वाले मरीजों के साथ तीमारदारों को खड़ा न रहना पड़े। तीमारदारों का कहना है कि रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में टैस्ट और रिपोर्ट दोनो एक साथ देना संक्रमण को बढ़ा सकता है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि मरीजों की कोविड रिपोर्ट के लिए अलग से इंतजाम किए जाए और जो भी कोई पॉजिटिव पाया जाता है, उसे पहले ही प्रशाासन द्वारा सचेत किया जाए, जिससे कि वह अन्य लोगों के संपर्क में न आए।
ये बात ध्यान में आई है। रिपोर्ट मोबाइल पर एसएमएस या व्हाट्सऐप के जरिये भी दी सकती है। भीड़ लग रही है तो ये गलत है। इसके बारे मेें प्रक्रिया को दुरुस्त करेंगे।
-डा. निपुण जिंदल, एमडी एनएचएम हिमाचल।