नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सैन्य मामलों का विभाग सृजित करना और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को संस्थागत स्वरूप प्रदान करना महत्वपूर्ण सुधार हैं।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति पर उन्हें बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि वह उत्कृष्ट अधिकारी है जिन्होंने बडे उत्साह के साथ भारत की सेवा की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”आवश्यक सैन्य विशेषज्ञता के साथ सैन्य मामलों का विभाग सृजित करना और सीडीएस पद को संस्थागत स्वरूप प्रदान करना महत्वपूर्ण और समग्र सुधार हैं जिनसे हमारे देश को आधुनिक युद्ध की बदलती चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा ” 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से मैंने घोषणा की थी कि भारत का एक चीफ आफ डिफेंस स्टाफ होगा। इस पद पर हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। यह 1.3 अरब देशवासियों की आशाओं एवं आकांक्षाओं को परिलक्षित करेगा।”
मोदी ने कहा कि पहले सीडीएस पदभार ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा ”मैं देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वालों और सेवा करने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं उन बहादुर जवानों को याद करता हूं जिन्होंने करगिल की लडाई लडी, जिसके बाद हमारी सेना में सुधार के बारे में चर्चा शुरू हुई और इसके परिणामस्वरूप आज यह ऐतिहासिक पहल सामने आई।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हर्षित हैं कि जब हम नए साल एवं नए दशक की शुरूआत करने जा रहे हैं तब जनरल बिपिन रावत के रूप में भारत को पहला चीफ आफ डिफेंस स्टाफ मिला। नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लिया।
उन्होंने कहा कि सीडीएस के तौर पर उनका लक्ष्य तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और एक टीम की तरह काम करने पर केंद्रित होगा। रावत इस पद पर तीन वर्षों के लिए सेवा देंगे। सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए सेवानिवृति की उम्र को 65 वर्ष कर दिया था। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पिछले सप्ताह सीडीएस पद के सृजन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था जो रक्षा मंत्री के मुख्य सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे।