हिमाचल दस्तक ब्यूरो। नाहन
उपायुक्त कार्यालय नाहन के सभागार में मंगलवार को जल शक्ति विभाग द्वारा कैच द रेन अभियान के अतंर्गत बरसात के मौसम में जल संग्रह के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी (DC Sirmaur: Dr. R.K. Paruthi) ने की।
इस दौरान जिला में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस अभियान के अतंर्गत अधिक कार्य करने और पारंपरिक जल स्रोतों संरक्षण और संवर्धन पर बल देने के बारे में चर्चा की गई।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग, राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग की कार्यकारी कमेटी गठित करने और अन्य विभागों को इस कमेटी की देख रेख में कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त उन्होने नेहरू युवा केंद्र और ग्रामीण विकास विभाग के अतंर्गत सभी गैर सरकारी संगठन के सदस्यों और युवक मंडलों को इस अभियान से जोडऩे के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि जिला में जल शक्ति विभाग की तकनीकी सहायता से सभी पंचायतों, स्कूलों और अन्य चयनित स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग हेतु गड्ढे, रूफ टॉफ टैक का निर्माण करना और चौकडैम बनाए जाएगे जिसके लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त संचयन की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए टैंकों की सिल्ट को हटाया जाएगा। व्यर्थ बह रहे जल को वापस लाने के लिए पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं जैसे कि छोटे कुएं और गहरे, बड़े कुओं की मरम्मत की जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत सिरमौर में जल संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने तथा पारंपरिक स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है।
उन्होंने जल शक्ति और पंचायती राज विभाग से कहा कि वे जिला के पारंपरिक जल स्त्रोत, बावडिय़ों, बोर-कुओं इत्यादि की सूची एकत्रित कर डाटा तैयार करें ताकि इन्हें मिशन मोड में ठीक करवाया जा सके।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पर्वतधारा योजना की घोषणा के बाद सिरमौर में इस योजना के अतंर्गत जामन की सैर और काटली पंचायत को चयनित किया गया है। इसके अतंर्गत जिला के 7 विभाग जिसमें ग्रामीण विकास, वन, जल शक्ति, कृषि, उद्यान, पर्यटन, मत्स्य पालन व हिम उर्जा के माध्यम से 5.18 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत विलुप्त हो रहे जलस्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। वन विभाग की ओर से छोटे-बड़े जल संचयन ढांचों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन पंचायतो में योजना के तहत जल संग्रहण, तालाबों के निर्माण केसाथ-साथ उनका रखरखाव किया जाएगा।
डॉ. परुथी ने कहा कि जल शक्ति विभाग इन पंचायतों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए छोटे बड़े चेक डैम का निर्माण करेगा। साथ ही 20 कूहलों व जोहड़ की मरम्मत करेगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को बाद में पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा जिसके लिए पर्यटन विभाग को सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को जल्द ही पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रियंका वर्मा, अधीक्षणअभियंता जल शक्ति विभाग जेएस चौहान, जिला राजस्व अधिकारी नारायण चौहान, ग्रामीण विकास अभिकरण अधिकारी कल्याणी गुप्ता सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।