नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में उन्नाव में एक युवती को अगवा कर उससे सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए। घटना के समय युवती नाबालिग थी। यह मामला भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा उसी वर्ष एक युवती का कथित यौन उत्पीडऩ किए जाने के मामले से अलग है।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में नरेश तिवारी, बृजेश यादव और शुभम सिंह के खिलाफ आरोप तय किए। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (अगवा या शादी के लिए महिला को प्रलोभन देना), 376 डी (एक से ज्यादा व्यक्ति द्वारा किया गया यौन उत्पीडऩ) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून की की धारा के तहत आरोप लगाए हैं।
उन्नाव में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दुष्कर्म पीड़िता के दर्ज बयान का जिक्र करते हुए सीबीआई ने आरोपपत्र में कहा है कि 11 जून 2017 को वह रात में पानी लेने के लिए निकली थी। इसी दौरान सिंह और तिवारी ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे एक कार में खींच लिया।
आरोपपत्र के मुताबिक कुछ दूरी के बाद सिंह और तिवारी ने कार में उससे बलात्कार किया। उसे कानपुर में एक घर ले जाया गया जहां कुछ अज्ञात लोगों ने उससे दुष्कर्म किया।